जन सुराज अभियान के संस्थापक Prashant Kishor ने मुजफ्फरपुर में आयोजित एक विशाल रैली को संबोधित करते हुए बड़ा दावा किया।
मुजफ्फरपुर के मीनापुर विधानसभा में पीके की सभा के बाद का दृश्य!! pic.twitter.com/dG4X5bJxqn
— Jan Suraaj (@jansuraajonline) August 25, 2025
उन्होंने कहा कि बिहार की बदहाली की यह आखिरी दिवाली और छठ होगी। आगामी दिनों में राज्य में नई दिशा और नए अवसर मिलेंगे। उन्होंने युवाओं, बुजुर्गों और बच्चों के लिए कई घोषणाएं कीं और जनता से परिवर्तन की अपील की।
बिहार के युवाओं को अब बाहर नौकरी खोजने की ज़रूरत नहीं होगी: Prashant Kishor
प्रशांत किशोर ने स्पष्ट किया कि उनकी योजना के तहत बिहार के युवाओं को बाहर भटकना नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा, “युवाओं को बिहार में ही 12,000 रुपये तक का रोजगार मिलेगा। उन्हें नौकरी के लिए दिल्ली, पंजाब या मुंबई नहीं भागना पड़ेगा। अब उनका भविष्य बिहार की धरती पर ही सुरक्षित होगा।” उन्होंने इस दौरान यह भी कहा कि रोजगार केवल वादे तक सीमित नहीं रहेगा बल्कि इसे व्यवहार में लाने के लिए ठोस व्यवस्था तैयार की जाएगी।
बुजुर्गों को हर महीने 2000 रुपये की सम्मान राशि मिलेगी: Prashant Kishor
रैली में उन्होंने बुजुर्गों की चिंता भी जताई। उन्होंने ऐलान किया कि राज्य के हर बुजुर्ग को 2000 रुपये की मासिक सम्मान राशि दी जाएगी। उन्होंने कहा कि यह राशि न केवल आर्थिक मदद होगी बल्कि उनके जीवन के संघर्षों के प्रति सम्मान की निशानी भी होगी।
गरीब परिवारों के बच्चों को निजी स्कूलों में मिलेगी पढ़ाई का अवसर: Prashant Kishor
शिक्षा को विकास की आधारशिला बताते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि अब बच्चों को निजी स्कूलों में बेहतर शिक्षा दी जाएगी। गरीब परिवारों के बच्चों को शिक्षा की सुविधा और अवसर दोनों मिलेंगे। उनका कहना था कि “बच्चे ही भविष्य हैं और अगर उन्हें मजबूत शिक्षा का आधार मिला, तो बिहार का भविष्य भी मजबूत होगा।”
जाति-धर्म की राजनीति छोड़ विकास की राजनीति करने का संकल्प: Prashant Kishor
प्रशांत किशोर ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि उनका उद्देश्य केवल राजनीति करना नहीं है, बल्कि बिहार के लिए विकास का नया अध्याय लिखना है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे जाति और धर्म की राजनीति से ऊपर उठकर रोजगार, शिक्षा और विकास को प्राथमिकता दें। उन्होंने यह भी जोड़ा कि जन सुराज अभियान किसी पार्टी के खिलाफ नहीं, बल्कि जनता के हक और अधिकार की लड़ाई है।
जनता में उम्मीदें, लेकिन वादों पर सवाल भी बरकरार
मुजफ्फरपुर की इस रैली में भारी भीड़ जुटी। लोगों में प्रशांत किशोर के दावों को लेकर उत्सुकता भी दिखी। हालांकि, कई लोगों ने सवाल भी उठाए कि क्या यह वादे वास्तव में पूरे होंगे या फिर यह भी अन्य नेताओं की तरह चुनावी घोषणाओं तक सीमित रह जाएंगे।
आखिरी दिवाली-छठ का दावा बना राजनीतिक चर्चा का केंद्र
प्रशांत किशोर का यह दावा कि “बिहार की बदहाली की यह आखिरी दिवाली-छठ होगी” राजनीतिक और सामाजिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है। अब देखना यह है कि उनके जन सुराज अभियान की घोषणाएं वास्तविकता का रूप ले पाती हैं या फिर जनता इन्हें भी चुनावी वादों की तरह ही देखती है।