Bettiah News: सोमवार को बेतिया प्रखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में वट सावित्री पूजा के लिए सुहागिन महिलाओं की भीड़ उमड़ी। इस खास दिन पर महिलाओं ने नदी में स्नान कर वट वृक्ष की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की। वट वृक्ष के तने में धागा लपेटकर परिक्रमा करने के साथ ही महिलाओं ने कथावाचक के पास बैठकर सावित्री-सत्यवान की पौराणिक कथा सुनी।
शास्त्रों के अनुसार, वट सावित्री व्रत सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए रखती हैं। मान्यता है कि सावित्री ने इस व्रत के बल पर अपने पति सत्यवान के प्राण यमराज से वापस लौटाए थे। इस पर्व का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व महिलाओं के बीच उत्साह, श्रद्धा को और बढ़ाता है।
अहवर तुरहापट्टी चीनी मिल के बाबू क्वार्टर कॉलनी सरिसवा शिव मंदिर, रामनगर बनकट स्थित वट वृक्ष की पूजा में सुहागिन महिलाओ का उत्साह देखा गया। पूजा के दौरान माहौल भक्ति और उल्लास से भरा रहा। राजघाट पर स्नान और पूजा के लिए विशेष व्यवस्था की गई थी।
जिससे श्रद्धालुओं को किसी तरह की असुविधा न हो। स्थानीय प्रशासन ने भी भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम किए थे। यह पर्व न केवल धार्मिक आस्था को दर्शाता है, बल्कि पति-पत्नी के अटूट बंधन और प्रेम का प्रतीक भी है। कई महिलाओं को वट वृक्ष के साथ सोलहों श्रृंगार से सुसज्जित होकर सेल्फी लेते देखा गया।
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