यूट्यूबर और बीजेपी नेता Manish Kashyap एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार मामला बेहद संवेदनशील और भावनात्मक है।
रविवार को पटना मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल (PMCH) के सामने मनीष कश्यप फूट-फूटकर रोते नजर आए। उनके आंसुओं के पीछे वजह थी एक 11 साल की रेप पीड़िता बच्ची की मौत, जिसने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
Manish Kashyap: क्या है पूरा मामला?
- मुजफ्फरपुर की रहने वाली 11 साल की बच्ची के साथ दरिंदगी हुई थी। गंभीर हालत में उसे PMCH रेफर किया गया था।
- कई दिनों से बच्ची का इलाज चल रहा था, लेकिन रविवार को उसकी मौत हो गई।
- मनीष कश्यप, जो पहले भी इस बच्ची के लिए न्याय की मांग कर चुके थे, अस्पताल पहुंचे और बच्ची की मौत के बाद गहरा आक्रोश और दुःख जताया।
Manish Kashyap का बयान
मनीष कश्यप ने रोते हुए कहा:
“मैं किसी निजी स्वार्थ के लिए यहां नहीं आया था। न मां का इलाज कराने आया था, न रिश्तेदार का। मैं उस बच्ची के लिए आया था… लेकिन मुझे ही पीट दिया गया। मेरी क्या गलती थी?”
उन्होंने आरोप लगाया कि:
- अस्पताल प्रशासन की लापरवाही की वजह से बच्ची की जान गई।
- PMCH में व्यवस्था चरमरा चुकी है और गरीबों को इलाज नहीं मिल रहा।
- इससे पहले उन्हें 19 मई को डॉक्टरों ने पीटा था, सिर्फ इसलिए कि वह इलाज की व्यवस्था देखने और सवाल उठाने पहुंचे थे।
पिछली घटना: जब Manish Kashyap को पीटा गया
- 19 मई को मनीष कश्यप और PMCH के डॉक्टरों के बीच झड़प हुई थी।
- मनीष का दावा था कि उन्हें बिना किसी कारण पीटा गया, एक कमरे में बंधक बनाकर रखा गया और उनका मोबाइल तक छीन लिया गया।
- उन्होंने एक तस्वीर भी जारी की थी जिसमें वे अस्पताल के बेड पर इलाज करा रहे थे।
वायरल वीडियो और सोशल मीडिया की प्रतिक्रिया
- मनीष कश्यप के रोते हुए वीडियो ने सोशल मीडिया पर भावनात्मक माहौल बना दिया है।
- कई लोगों ने अस्पताल प्रशासन की निंदा की और बच्ची को न्याय दिलाने की मांग उठाई।
- वहीं कुछ लोग इसे राजनीतिक स्टंट भी बता रहे हैं, हालांकि पूरे मामले की स्वतंत्र जांच की मांग बढ़ रही है।
हिन्दुस्तान की स्थिति
यह स्पष्ट किया गया है कि इस पूरी घटना की स्वतंत्र पुष्टि नहीं हुई है। वीडियो और आरोपों की जांच जरूरी है ताकि सच्चाई सामने आ सके।
क्यों है ये मुद्दा अहम?
- एक रेप पीड़िता बच्ची की मौत अपने आप में संवेदनशील और गंभीर मामला है।
- अगर इलाज में लापरवाही हुई तो यह सीधे स्वास्थ्य व्यवस्था की नाकामी है।
- मनीष कश्यप पर हमला और फिर उनका सार्वजनिक रूप से टूट पड़ना, इस मामले को और ज्वलंत बना देता है।
निष्कर्ष
- यह मामला अब केवल एक बच्ची की मौत या एक यूट्यूबर की नाराजगी का नहीं रह गया।
- यह एक व्यवस्था बनाम संवेदना का मामला बन चुका है।
- ज़रूरी है कि PMCH प्रशासन पर लगे आरोपों की जांच हो, दोषी साबित होने पर कड़ी कार्रवाई की जाए, और भविष्य में इस तरह की घटनाएं न दोहराई जाएं।
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