Bihar News: राजगीर के नगर परिषद क्षेत्र के ठाकुर स्थान मोहल्ले की सैकड़ों महिलाओं ने गुरुवार को सड़कों पर उतरकर बिजली के स्मार्ट मीटर के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया.
उन्होंने बिजली विभाग के कार्यालय के बाहर इकट्ठा होकर अपनी नाराजगी जाहिर की और सरकार से 300 यूनिट मुफ्त बिजली की मांग की.
मीटर का बैलेंस 10 से 15 दिनों में ही खत्म हो जाता है
महिलाओं का कहना है कि स्मार्ट मीटरों में गंभीर खामियां हैं. उनके अनुसार जब केवल दो एलईडी बल्ब और एक पंखा चलाने पर ही 1200 से 1500 रुपये तक का बिल आ जाता है तो यह साफ है कि मीटर में कुछ गड़बड़ी है. कुछ मामलों में तो 2000 से 4000 रुपये तक का बिल भरने की नौबत आ जाती है जोकि गरीब परिवारों के लिए असहनीय है. सबसे चिंताजनक बात यह है कि मीटर का बैलेंस 10 से 15 दिनों में ही खत्म हो जाता है, जिससे बार-बार रिचार्ज करवाने की समस्या भी बढ़ जाती है.
Bihar सरकार से मांग की है कि उन्हें हर महीने 300 यूनिट मुफ्त बिजली दी जाए
प्रदर्शनकारी महिलाओं ने कहा कि वे सभी मेहनत-मजदूरी करके अपना गुजर-बसर करती हैं और इस तरह के भारी बिजली बिल उनकी आर्थिक स्थिति को और कमजोर कर रहे हैं. उन्होंने सरकार से मांग की है कि उन्हें हर महीने 300 यूनिट मुफ्त बिजली दी जाए ताकि वे इस महंगाई के दौर में अपने परिवार का पालन-पोषण कर सकें.
यह विरोध प्रदर्शन केवल बिजली के बिलों से जुड़ी समस्याओं पर नहीं बल्कि गरीबों की दिन-प्रतिदिन की बढ़ती समस्याओं की ओर भी सरकार का ध्यान आकर्षित करने का प्रयास है. अब देखना होगा कि सरकार और बिजली विभाग इस मांग पर क्या कदम उठाते हैं.
महिलाओं ने बिजली विभाग का किया घेराव
प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे महादलित नेता उमेश भगत ने बिजली के निजीकरण के बाद उत्पन्न समस्याओं पर गहरी चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि जब से बिजली का निजीकरण हुआ है तब से आम जनता लगातार परेशानियों का सामना कर रही है. पहले जहां बिजली की दरें दो से तीन रुपये प्रति यूनिट होती थीं वहीं अब निजीकरण के बाद यह दरें बढ़कर सीधे साढ़े आठ रुपये प्रति यूनिट कर दी गई हैं जो पूरी तरह से मनमानी और जनता पर आर्थिक बोझ डालने वाली है.
उमेश भगत ने घोषणा की कि यह आंदोलन सिर्फ राजगीर तक सीमित नहीं रहेगा. उन्होंने कहा कि इस आंदोलन को चरणबद्ध तरीके से जिला मुख्यालय से लेकर राज्य मुख्यालय तक विस्तारित किया जाएगा ताकि सरकार और बिजली विभाग की मनमानी के खिलाफ आवाज उठाई जा सके.
अपनी मांगों को लेकर विभाग पर दबाव बनाने की कोशिश की
उधर विरोध प्रदर्शन कर रही महिलाओं ने बिजली विभाग के मुख्य दरवाजे को घंटों तक घेर कर रखा. उन्होंने दरवाजे पर बैठकर बिजली विभाग के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की और अपनी मांगों को लेकर विभाग पर दबाव बनाने की कोशिश की. इस दौरान महिलाओं ने अपनी समस्याओं और मांगों को एक पत्र के माध्यम से विद्युत कार्यपालक पदाधिकारी को सौंपा.
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यह प्रदर्शन न केवल बिजली की बढ़ती दरों के खिलाफ था बल्कि यह जनता की असहनीय परेशानियों और उनकी आवाज को सुनने की सरकार की अनदेखी के खिलाफ भी एक बड़ा संदेश था. अब देखना यह होगा कि सरकार इस आंदोलन को कितनी गंभीरता से लेती है और जनता की मांगों को पूरा करने के लिए क्या कदम उठाती है.