Tejashwi Yadav और जितन राम मांझी के बीच बयानबाजी

हाल ही में बिहार की राजनीति में एक नई बयानबाजी देखने को मिली, जब नेता प्रतिपक्ष Tejashwi Yadav ने केंद्रीय मंत्री जितन राम मांझी पर आरोप लगाया कि वे आरएसएस स्कूल की विचारधारा का पालन कर रहे हैं। तेजस्वी यादव ने यह टिप्पणी नवादा जिले में हुई आगजनी की घटना के संदर्भ में की थी।

इस पर पलटवार करते हुए जितन राम मांझी ने कहा, “तेजस्वी यादव ने पढ़ाई की कठिनाइयों का सामना नहीं किया है। हम अनुसूचित जाति के अंतिम पंक्ति से हैं और शिक्षा प्राप्त करने के लिए हमने कई प्रयास किए।” मांझी ने अपने शैक्षिक सफर का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने मेरिट में मैट्रिक पास किया और स्नातक की डिग्री प्राप्त की, जबकि उनके बेटे ने पीएचडी की है और अब प्रोफेसर हैं।

मांझी ने आरएसएस को एक राष्ट्रवादी पार्टी बताते हुए कहा कि वे इसके दायरे में नहीं हैं, लेकिन इसका विरोध भी नहीं कर सकते।

Tejashwi Yadav: जदयू अध्यक्ष का राजद पर हमला

इस बीच, जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने राजद पर निशाना साधते हुए कहा कि आजादी के बाद बिहार में दलितों पर सबसे अधिक अत्याचार राजद के शासनकाल में हुआ। उन्होंने कहा कि राजद अपने 15 वर्षों के शासन को याद करे, जब दलितों के प्रति अत्याचार की लंबी फेहरिस्त रही।

कुशवाहा ने आरोप लगाया कि राजद केवल दलितों के प्रति झूठा प्रेम प्रदर्शित कर अपनी राजनीति को चमकाना चाहती है। उन्होंने कहा कि लालू-राबड़ी शासन में दलितों की स्थिति में सुधार के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए।

यह राजनीतिक बयानबाजी दर्शाती है कि बिहार की राजनीति में मुद्दों के स्थान पर व्यक्तिगत और सामुदायिक आरोप-प्रत्यारोप अधिक चलन में हैं। इस सियासी टकराव का असर आने वाले चुनावों में देखने को मिल सकता है।

यह भी पढ़े: Rahul Gandhi पर टिप्पणियों के खिलाफ कांग्रेस का प्रदर्शन

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

powered by Advanced iFrame. Get the Pro version on CodeCanyon.