बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इकलौते बेटे Nishant Kumar अक्सर चर्चा में रहते हैं, लेकिन राजनीति में उनकी एंट्री कब होगी, यह अब भी सवाल बना हुआ है।
20 जुलाई 1975 को जन्मे निशांत ने अपने पिता की राजनीतिक विरासत से जुड़े होने के बावजूद एक अलग, शांत और लो-प्रोफाइल जीवन चुना है।
Nishant Kumar की शिक्षा और शुरुआती जीवन
निशांत की शुरुआती स्कूली शिक्षा पटना के सेंट कैरेंस स्कूल में हुई। लेकिन एक शिक्षक द्वारा गंभीर रूप से चोट पहुंचाने के बाद, उनके पिता ने उन्हें मसूरी के *मानव भारती इंडिया इंटरनेशनल स्कूल, एक प्रतिष्ठित बोर्डिंग स्कूल में भेज दिया। इसके बाद निशांत ने पटना केंद्रीय विद्यालय से पढ़ाई की और झारखंड के रांची स्थित *बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (BIT), मेसरा से इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की।
Nishant Kumar 49 साल की उम्र में भी कुंवारे
आज 49 साल के हो चुके निशांत कुमार ने अब तक शादी नहीं की है। उनकी मां, मंजू सिन्हा, जो एक शिक्षिका थीं, का 2007 में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। निशांत ने अपनी मां के निधन के बाद एक साधारण और निजी जीवन जीने का फैसला किया।
राजनीति से दूरी, लेकिन बढ़ती चर्चा
हालांकि निशांत ने अब तक राजनीति में कदम नहीं रखा है, लेकिन वे अक्सर अपने पिता के साथ सार्वजनिक कार्यक्रमों में देखे जाते हैं। हाल ही में, हरियाणा के रेवाड़ी में नीतीश कुमार के साथ उनकी उपस्थिति ने फिर से उनकी राजनीति में एंट्री की अटकलों को हवा दी। बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार के उत्तराधिकारी के रूप में उनका नाम चर्चा में है, लेकिन वे अब तक सार्वजनिक रूप से इस पर कोई संकेत नहीं देते।
Nishant Kuamr: सादगी और अलग पहचान
एक ऐसे परिवार से आने के बावजूद जिसने बिहार की राजनीति में गहरी छाप छोड़ी है, निशांत ने अपनी सादगी और निजी जीवन को प्राथमिकता दी है। उन्होंने खुद को लाइमलाइट से दूर रखा है, लेकिन उनके भविष्य को लेकर जनता में जिज्ञासा बनी हुई है।
यह भी पढ़े: SDM को थप्पड़ मारने वाले Naresh Meena 14 दिन की न्यायिक हिरासत में, वर्चुअल पेशी से हुई सुनवाई
राजनीति में उनकी एंट्री कब होगी?
यह बड़ा सवाल है कि निशांत कब राजनीति में कदम रखेंगे। नीतीश कुमार के साथ उनकी बढ़ती सार्वजनिक उपस्थिति इस ओर इशारा करती है कि वह आने वाले समय में बिहार की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। हालांकि, फिलहाल उन्होंने राजनीति से दूरी बनाए रखी है।
निशांत का शांत और सरल व्यक्तित्व उन्हें दूसरों से अलग बनाता है। राजनीति में उनकी एंट्री पर भले ही सस्पेंस बना हो, लेकिन उनकी हर झलक ने जनता की उम्मीदें बढ़ा दी हैं।