Patna: पूर्व सांसद राजेश रंजन जिन्हें Pappu Yadav के नाम से भी जाना जाता है वर्तमान में राजनीतिक मंच पर धूमधाम से उतर रहे हैं. इन्होंने इस बार के चुनाव में पूर्णिया सीट से स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में उतरा है.
चुनावी मैदान पर इस सीट के लिए तीव्र संघर्ष देखने को मिला. पप्पू ने चुनावी दौरान अंतिम दिन तक कांग्रेस के समर्थन का दावा किया.
लेकिन अब कांग्रेस ने अपना स्थान साफ कर दिया है. कांग्रेस की ओर से पप्पू पर आयी जवाबदेही उन्हें चौंका देने वाली है. कांग्रेस ने बुधवार को आधिकारिक तौर पर स्पष्ट किया है कि पप्पू ने कांग्रेस की सदस्यता नहीं ली है और न ही अपनी पार्टी का विलय किया है.
Pappu Yadav ने पटना में सदस्यता पर्ची भी नहीं ली- कांग्रेस
पटना में विधायक पद के लिए प्रतिष्ठित राजनीतिज्ञ पप्पू यादव की सदस्यता पर्ची नहीं लेने पर कांग्रेस ने जवाब दिया है. कांग्रेस के प्रवक्ता आलोक शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से इस विवाद पर अपने दृष्टिकोण को व्यक्त किया. शर्मा ने कहा “मुझे नहीं लगता कि पप्पू ने अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय किया है. उन्होंने पटना में सदस्यता पर्ची भी नहीं ली जो बिहार से पार्टी में शामिल होने वाले किसी भी व्यक्ति को लेनी पड़ती है.”
यहाँ तक कि एआईसीसी के बिहार प्रभारी मोहन प्रकाश और मीडिया व प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने भी पप्पू यादव का पार्टी में स्वागत किया और उनकी जन अधिकार पार्टी के साथ विलय की घोषणा की.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में बहुत से लोग स्नैक्स लेने आते हैं- कांग्रेस
कांग्रेस ने बताया कि बहुत से लोग प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्नैक्स लेने आते हैं. प्रवक्ता आलोक शर्मा ने कहा “मैं जो कहना चाह रहा हूं वह यह है कि प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी.” बिहार कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने पप्पू यादव से नामांकन पत्र वापस लेने के लिए कहा था. उन्होंने स्पष्ट किया कि पार्टी अपने सदस्यों को स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में लड़ने की अनुमति नहीं देती है. हालांकि यह भी अनुमान लगाया गया था कि कांग्रेस पप्पू के लिए कोई भी रास्ता खोज सकती है.
Pappu Yadav खुद को आखिरी सांस तक कांग्रेस राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा का सिपाही कहते हैं. ऐसा माना जाता है कि दबंग सहयोगी राजद के दबाव में उन्हें कांग्रेस का टिकट नहीं दिया गया.
राजद के हस्तक्षेप पर कांग्रेस ने दिया रिएक्शन
कांग्रेस ने राजद के हस्तक्षेप को लेकर अपना स्थिति स्पष्ट किया. प्रवक्ता शर्मा ने स्पष्ट किया कि राजद की ओर से कोई हस्तक्षेप नहीं किया गया है. कांग्रेस ने बिहार में अपने उम्मीदवारों का चयन किया है. उन्होंने कहा “हमारा गठबंधन बिहार में 30 से अधिक सीटें जीतेगा और कांग्रेस की संख्या लगभग छह से सात होनी चाहिए।” बिहार में कुल 40 लोकसभा सीटें हैं जिनमें से महागठबंधन में राजद 23 पर चुनाव लड़ रही है उसके बाद कांग्रेस नौ, सीपीआईएमएल और विकासशील इंसान पार्टी तीन-तीन और सीपीआई और सीपीआईएम एक-एक सीट पर चुनाव लड़ रही है.