बीजेपी आखिर क्यों भेज रही है Manan Kumar Mishra को राज्यसभा? जानें पूरा मामला

भारतीय जनता पार्टी ने बिहार से राज्यसभा उपचुनाव के लिए Manan Kumar Mishra को अपना उम्मीदवार घोषित किया है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर हुई बैठक के बाद इस नाम पर अंतिम मुहर लगी.

मनन कुमार मिश्रा जो बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष रह चुके हैं और सुप्रीम कोर्ट में वकालत करते हैं को इस महत्वपूर्ण पद के लिए चुना गया है.

कौन हैं Manan Kumar Mishra?

मनन कुमार मिश्रा बिहार के गोपालगंज जिले से ताल्लुक रखते हैं. उन्होंने 1980 में पटना लॉ कॉलेज से वकालत की डिग्री प्राप्त की और अपने बैच के टॉपर और गोल्ड मेडलिस्ट रहे. गोपालगंज सिविल कोर्ट में वकालत की शुरुआत करने के बाद उन्होंने 1982 में पटना हाईकोर्ट में प्रैक्टिस शुरू की. 1989 में वह बिहार स्टेट बार काउंसिल के सदस्य बने और तब से उन्होंने अपनी अद्वितीय योग्यता और नेतृत्व क्षमता के कारण लगातार उन्नति की है.

मनन कुमार मिश्रा का सबसे बड़ा योगदान तब सामने आया जब उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के चार सीनियर जजों द्वारा आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के विवाद में जजों का समर्थन किया. इससे BCI का देशभर में कद बढ़ा. इसके अलावा पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों में भी BCI ने सीजेआई का साथ दिया जिससे BCI की नीतियों और निर्णयों पर सवाल खड़े हुए लेकिन मिश्रा के नेतृत्व में BCI ने इन चुनौतियों का दृढ़ता से मुकाबला किया.

राज्यसभा के लिए Manan Kumar Mishra का हुआ चयन

भारतीय जनता पार्टी ने बिहार के लिए मनन कुमार मिश्रा को राज्यसभा का उम्मीदवार इसलिए चुना क्योंकि उनकी कानूनी विशेषज्ञता और संगठनात्मक क्षमताओं का लाभ संसद में लिया जा सकेगा. भाजपा के लिए उनका चयन एक रणनीतिक निर्णय माना जा रहा है जो पार्टी की कानूनी दृष्टिकोण और नीतियों को मजबूत करने में सहायक होगा.

समर्थन दे रहे हैं बधाइयां

मनन कुमार मिश्रा के राज्यसभा उम्मीदवार बनाए जाने की घोषणा के बाद उनके शुभचिंतकों और समर्थकों ने उन्हें बधाई दी. जगतौली पैक्स के पूर्व अध्यक्ष चंद्रशेखर पांडेय, अधिवक्ता मनकेश्वर चौबे, अजय त्रिपाठी, रविप्रकाश मणि त्रिपाठी, उदयनारायण मिश्र, प्रद्युम्न मिश्र, नीतीश मिश्र सहित कई लोगों ने उन्हें शुभकामनाएं दीं.

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मनन कुमार मिश्रा का राज्यसभा में जाना भाजपा के लिए एक सशक्त कानूनी दिमाग का प्रतिनिधित्व करेगा जो न केवल बिहार बल्कि पूरे देश की नीतियों और कानूनी ढांचे को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है.

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