Patna: लोकसभा चुनाव में Tejashwi Yadav ने काफी पसीना बहाया परंतु फिर भी वह एनडीए को नहीं रोक पाए.
महंगाई एवं रोजगार को बड़ा मुद्दा बनाकर चुनावी मैदान में उतरे तेजस्वी यादव की जनसभा में काफी भीड़ उमर रही थी परंतु एनडीए नेताओं ने लालू प्रसाद यादव के शासनकाल में फैले हुए जंगलराज को याद दिलाकर वोट अपनी ओर खींच लिए. लोकसभा चुनाव के नतीजे से यह साफ है कि तेजस्वी को राष्ट्रीय जनता दल पर लगे भ्रष्टाचार एवं जंगल राज के आरोपों से नुकसान उठाना पड़ा है.
Tejashwi Yadav ने RJD पर लगे जंगल राज का दाग मिटाने के लिए एक नई रणनीति बनाई है
बिहार विधानसभा चुनाव में इससे पहले भी तेजस्वी यादव के हाथों में सत्ता आते-आते निकल गई और अब तेजस्वी यादव ने राष्ट्रीय जनता दल पर लगे जंगल राज का दाग मिटाने के लिए एक नई रणनीति बनाई है. नीतीश कुमार के सुशासन में वह अब बाबू की इमेज पर ही हमला कर रहे है. इस पर अब राजनीति भी आरंभ हो चुकी है.
Tejashwi Yadav प्रवचन ना दे
इस केस पर जनता दल यूनाइटेड के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने तेजस्वी यादव पर पलटवार करते हुए बताया कि कानून व्यवस्था पर तेजस्वी यादव बात ना ही करें. आगे उन्होंने यह भी कहा कि तेजस्वी यादव प्रवचन ना दे. यदि उनकी अपने पिता लालू प्रसाद यादव से बातचीत होती है तो वह उनसे पूछे कि कैसे Lalu Yadav के शासनकाल में बिहार में हत्या, बलात्कार, फिरौती एवं लूट आम बात हो गई थी. उन्होंने बताया कि तेजस्वी यादव तथ्यों को छुपा कर गलत तरीके से पेश कर रहे हैं.
वह जो फिरौती वाले दिन थे उन्हें लोग आज भी नहीं भूले हैं
वहीं दूसरी और भारतीय जनता पार्टी के एमएलसी नवल किशोर यादव का कहना है कि तेजस्वी बताएं कि उनके माता एवं पिताजी वाला प्रदेश क्या मंगलराज था? सबसे पहले मैं अपने गिरेबान में झांक कर देखें और उसके पश्चात किसी पर इल्जाम लगाए तो ही अच्छा रहेगा. भाजपा नेता ने बताया कि बिहार में उनकी बात को सुनने वाला कोई नहीं है. वह जो फिरौती वाले दिन थे उन्हें लोग आज भी नहीं भूले हैं. इसलिए उनके परिवार पर विश्वास नहीं करते हैं.