Tejashwi Yadav: 2025 में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सियासी बयानबाजी और लोक-लुभावन घोषणाओं का दौर शुरू हो चुका है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने अपने नए वादे से चर्चा बटोरी है।
उन्होंने घोषणा की है कि अगर उनकी सरकार सत्ता में आती है तो वे ‘माई बहन मान योजना’ लागू करेंगे। इस योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर माताओं और बहनों को हर महीने 2500 रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी।
Tejashwi Yadav ने दी योजना की जानकारी
तेजस्वी यादव ने कहा कि उनकी सरकार बनने के एक महीने के अंदर इस योजना को लागू किया जाएगा। उनका दावा है कि यह योजना बिहार की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उनके आर्थिक सशक्तिकरण में मदद करेगी। तेजस्वी ने कहा, “हमारी माताएं और बहनें बिहार की रीढ़ हैं। उनके योगदान को मान्यता देना और उन्हें आर्थिक सुरक्षा देना हमारी प्राथमिकता है।”
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झारखंड से सीखा सबक?
तेजस्वी यादव की यह घोषणा झारखंड में हालिया चुनावी रणनीति से प्रेरित मानी जा रही है, जहां महिलाओं और गरीबों के लिए कई योजनाओं की घोषणा से राजनीतिक लाभ मिला था। ‘माई बहन मान योजना’ तेजस्वी यादव का महिलाओं और गरीबों को साधने का प्रयास माना जा रहा है।
Tejashwi Yadav: राजनीति में नई बहस
तेजस्वी की इस योजना ने बिहार की राजनीति में नई बहस छेड़ दी है। जहां राजद के समर्थक इसे एक क्रांतिकारी कदम बता रहे हैं, वहीं भाजपा और जदयू इसे केवल चुनावी वादा और “वोट बैंक की राजनीति” कह रहे हैं। जदयू नेता ने आरोप लगाया कि राजद सरकार में महिलाओं की सुरक्षा और विकास की स्थिति दयनीय थी, अब ये घोषणाएं सिर्फ जनता को भ्रमित करने के लिए की जा रही हैं।
Tejashwi Yadav का पलटवार
तेजस्वी यादव ने इन आरोपों का जवाब देते हुए कहा, “नीतीश कुमार और भाजपा ने महिलाओं के नाम पर सिर्फ योजनाओं का ढिंढोरा पीटा है, लेकिन जमीन पर कोई बदलाव नहीं आया। हमारी सरकार महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए ठोस कदम उठाएगी, और ‘माई बहन मान योजना’ इसी का हिस्सा है।”
महिला वोटरों पर फोकस
तेजस्वी यादव की यह योजना सीधे बिहार की महिला वोटरों को साधने का प्रयास है। बिहार में महिलाओं की भागीदारी चुनावों में लगातार बढ़ रही है। ऐसे में ‘माई बहन मान योजना’ का एलान राजद की चुनावी रणनीति का महत्वपूर्ण हिस्सा हो सकता है।
सियासी माहौल गरमाया
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि तेजस्वी यादव ने इस योजना की घोषणा कर बिहार में महिलाओं और गरीब वर्गों को अपने पक्ष में लाने की कोशिश की है। अब देखना यह है कि उनके इस दांव का कितना असर होगा और अन्य पार्टियां इसके जवाब में क्या कदम उठाती हैं।
‘माई बहन मान योजना’ तेजस्वी यादव के सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण के वादे का प्रतीक है। यह योजना अगर लागू होती है तो यह बिहार की गरीब महिलाओं के लिए एक बड़ा सहारा बन सकती है। लेकिन चुनावी वादों को हकीकत में बदलने का इतिहास बिहार की राजनीति में कितना मजबूत है, यह आने वाला समय बताएगा।