Home झारखंड बिहार राजनीति मनोरंजन क्राइम हेल्थ राशिफल
---Advertisement---

add

Jharkhand में माओवादियों के खिलाफ अभियान तेज, लातेहार के बाद पलामू में बड़ी मुठभेड़

On: May 27, 2025 12:16 AM
Follow Us:
Jharkhand
---Advertisement---

Ranchi: Jharkhand में माओवादियों के खिलाफ सुरक्षा बलों का अभियान लगातार तेज होता जा रहा है। हाल ही में लातेहार जिले में हुई मुठभेड़ के बाद अब पलामू जिले में भी पुलिस और माओवादियों के बीच जबरदस्त मुठभेड़ की खबर सामने आई है। इस बार सुरक्षा बलों का सामना 15 लाख के इनामी माओवादी नीतीश यादव के दस्ते से हुआ है।

Jharkhand News: पलामू में मुठभेड़ की स्थिति

झारखंड पुलिस के मुताबिक, पलामू जिले के घने जंगलों में डीआईजी वाईएस रमेश के नेतृत्व में एक विशेष अभियान चलाया जा रहा था। इस दौरान पुलिस को इनपुट मिला कि नीतीश यादव अपने दस्ते के साथ क्षेत्र में सक्रिय है। सूचना के आधार पर पुलिस ने इलाके की घेराबंदी की और इसी दौरान माओवादियों ने सुरक्षा बलों पर फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी मोर्चा संभाला।

Jharkhand Naxal Encounter: माओवाद का खतरनाक चेहरा-नीतीश यादव

नीतीश यादव झारखंड पुलिस की मोस्ट वांटेड सूची में शामिल है। उस पर 15 लाख रुपये का इनाम घोषित है। वह कई हिंसक घटनाओं का मास्टरमाइंड रहा है, जिनमें पुलिस और ग्रामीणों की हत्या, सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाना, और रंगदारी वसूलना शामिल है। उसका दस्ता झारखंड-बिहार सीमा पर माओवाद को संगठित करने में अहम भूमिका निभा रहा है।

यह भी पढ़े: Latehar News: अपने परिवार के नाम पर कई सरकारी योजनाओं का लाभ ले रही हैं प्रखंड प्रमुख:- रबीना बीबी

घटनास्थल से मिली जानकारी

मुठभेड़ स्थल से अभी तक एक माओवादी के घायल होने की खबर है, हालांकि उसकी पहचान अभी स्पष्ट नहीं हो पाई है। इलाके में लगातार सर्च ऑपरेशन जारी है। पुलिस को उम्मीद है कि नीतीश यादव या उसके कुछ प्रमुख साथियों की गिरफ्तारी या मुठभेड़ में मौत हो सकती है। स्थानीय ग्रामीणों को सतर्क किया गया है और सुरक्षा बलों की अतिरिक्त टुकड़ियों को मौके पर रवाना किया गया है।

Jharkhand news: माओवाद पर झारखंड पुलिस की रणनीति

झारखंड सरकार और पुलिस प्रशासन ने माओवाद के खात्मे के लिए कई योजनाएं लागू की हैं। इसमें ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क और संचार व्यवस्था को मजबूत करना, युवाओं को रोजगार के अवसर देना और सुदूर गांवों में पुलिस की उपस्थिति बढ़ाना शामिल है। माओवादियों के खिलाफ लगातार अभियान चलाए जा रहे हैं जिससे उनके नेटवर्क को कमजोर किया जा सके।

पलामू की यह मुठभेड़ झारखंड में माओवाद के खिलाफ सुरक्षा बलों की दृढ़ इच्छाशक्ति और रणनीतिक सफलता को दर्शाती है। आने वाले दिनों में यह अभियान और अधिक प्रभावी रूप से माओवादियों के गढ़ तक पहुंचकर राज्य को हिंसा से मुक्त करने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है। पुलिस और प्रशासन को चाहिए कि वे स्थानीय जनता का भरोसा जीतते हुए इस लड़ाई को अंतिम अंजाम तक पहुंचाएं।

 

 

 

 

 

यह भी पढ़े: तंबाकू मुक्त भविष्य के लिए युवाओं को आगे आना होगा- उपायुक्त माधवी मिश्रा

Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now

Leave a Comment