Bihar में एक दिन में तीन पुल ढहे, धमही और गंडक किनारे के कई गांव से टूटा संपर्क

Patna: Bihar के सीवान जिले में एक ही दिन में तीन पुल ढहने की घटनाएं सामने आई हैं जिससे गंडक और धमही नदियों के किनारे बसे गांवों का संपर्क टूट गया है. इन घटनाओं ने दो दर्जन से ज्यादा गांवों का आवागमन पूरी तरह से ठप कर दिया है.

Bihar News: पुल टूटने से प्रभावित हुए कई गांव

  1. देवरिया पंचायत- पराईन टोला में 2004 में गंडकी नदी पर बना पुल ढह गया जो महाराजगंज-दरौंदा प्रखंड के साथ देवरिया और रामगाढ़ा पंचायत को जोड़ता था.
  2. तेवथा पंचायत- नौतन और सिकंदरपुर गांव के बीच 90 के दशक में धमही नदी पर बनी पुलिया क्षतिग्रस्त हो गई. इससे सिकंदरपुर गांव का संपर्क प्रखंड और अनुमंडल मुख्यालय से पूरी तरह टूट गया है.
  3. टेघड़ा पंचायत- टेघड़ा और तेवथा पंचायत को जोड़ने वाली धमई नदी पर बनी पुलिया भी धंस गई है.

परिणामस्वरूप इन घटनाओं से प्रभावित गांवों के लोग जहां थे वहीं रुकने को मजबूर हो गए हैं. लोगों का आवागमन पूरी तरह से बंद हो गया है जिससे दैनिक जीवन और व्यापारिक गतिविधियों पर गंभीर असर पड़ा है. इन घटनाओं ने राज्य सरकार और प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है. इन पुलों की मरम्मत और नए पुलों के निर्माण के लिए तत्काल कार्रवाई की जरूरत है ताकि प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को राहत मिल सके और उनकी दैनिक गतिविधियाँ पुनः शुरू हो सकें.

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तीन पुलों के ढहने से गांवों की लाखों की आबादी पर पड़ा असर

बिहार के सीवान जिले में एक ही दिन में तीन पुलियों के ढहने से दो दर्जन से अधिक गांवों की लाखों की आबादी प्रभावित हो गई है. इन घटनाओं से ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों का जीवन कठिन हो गया है और कई लोग शहरों में पलायन करने को मजबूर हो गए हैं.

पाराइन टोला के संत कुमार पांडेय और सिकंदरपुर के भुआल सिंह सहित कई निवासियों ने बताया कि वे स्थिति सामान्य होने तक शहरों में जाकर रहेंगे. लोगों ने पुलिया के ध्वस्त या क्षतिग्रस्त होने का मुख्य कारण नदी की लापरवाही पूर्ण सफाई को बताया है.

Bihar सरकार ने दी घटना पर प्रतिक्रिया

राज्य सरकार ने इन घटनाओं की गंभीरता को देखते हुए उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है जो तीन दिनों में अपनी रिपोर्ट पेश करेगी. ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी के निर्देश पर विभाग ने मुख्य अभियंता की अध्यक्षता में इस समिति का गठन किया है. समिति न केवल इन घटनाओं के कारणों का पता लगाएगी बल्कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के उपाय भी सुझाएगी.

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