Patna: बिहार के CM Nitish Kumar के बेटे Nishant ने राजनीति में कदम रखने की सभी अटकलों को खारिज कर दिया है.
शनिवार को पटना के कृष्णा बाजार में स्थित एक मोबाइल की दुकान पर पहुंचे निशांत ने मीडिया से बातचीत में स्पष्ट किया कि उनकी राजनीति में कोई दिलचस्पी नहीं है. उन्होंने कहा “मेरा मन अध्यात्म में लगता है. मुझे हरे रामा, हरे कृष्णा सुनना अच्छा लगता है.”
Nishant ने राजनीतिक भविष्य को किया खारिज
निशांत ने कहा कि वह आध्यात्मिक दृष्टि से जीते हैं और अपने मोबाइल में हरे रामा, हरे कृष्णा सुनते रहते हैं. उन्होंने कहा “मोबाइल में सही आवाज नहीं आ रही थी इसलिए नया स्पीकर खरीदने आया हूं.” निशांत का यह बयान उन अटकलों को समाप्त करता है जो उन्हें राजनीति में प्रवेश करने और अपने पिता नीतीश कुमार के उत्तराधिकारी बनने की संभावनाओं के बारे में थीं.
जेडीयू में उठी थी ये मांग
पिछले कुछ महीनों से जेडीयू के अंदर निशांत को राजनीति में लाने की मांग उठ रही थी. हाल ही में लोकसभा चुनाव के बाद यह चर्चा थी कि नीतीश कुमार अपने बेटे को सक्रिय राजनीति में लाकर अपना उत्तराधिकारी बना सकते हैं ताकि आने वाले विधानसभा चुनाव में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के खिलाफ जेडीयू से एक युवा चेहरा मैदान में उतर सके.
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निशांत अपने पिता के उलट राजनीति से कोसो दूर रहते हैं और लाइमलाइट में रहना पसंद नहीं करते. निशांत भी नीतीश कुमार की तरह इंजीनियर हैं और उन्होंने रांची के बीआईटी मेसरा से बीटेक की पढ़ाई की है.
परिवारवाद के खिलाफ बोले Nitish Kumar
नीतीश कुमार अक्सर सार्वजनिक रूप से खुद को परिवारवाद के खिलाफ बताते हैं. वे इस बात का उदाहरण देते हैं कि उन्होंने कभी अपनी पत्नी और बच्चों को राजनीति में आगे नहीं बढ़ाया जबकि विपक्षी दल आरजेडी के अध्यक्ष लालू यादव ने अपनी पत्नी, बेटों और बेटियों को राजनीति में लाने का काम किया. निशांत का राजनीति में कदम न रखने का फैसला इस विचारधारा का समर्थन करता है.