वर्ल्ड डेस्क – PM Sheikh Hasina ने इस्तीफा दे दिया है, और देश चलाने के लिए अंतरिम सरकार बनेगी, सेना प्रमुख जनरल वकर-उज-जमान ने आज दोपहर एक राष्ट्रीय संबोधन में कहा।
सोशल मीडिया स्रोतों और बांग्लादेशी मीडिया के अनुसार, आरक्षण विरोधी आंदोलन, जिसमें कल बांग्लादेश में 90 से अधिक लोग मारे गए थे, ने तबाही मचा दी है और सेना के सत्ता में आने के साथ ही शेख हसीना सरकार गिर गई है।
यह बांग्लादेश के साथ-साथ भारत में प्रगतिशील ताकतों के लिए एक बड़ा झटका है। शेख हसीना को भारत समर्थक प्रधानमंत्री के रूप में देखा जाता था।
उनकी सरकार का गिरना इस्लामवादी ताकतों के फिर से उभरने का संकेत भी है और यह धर्मनिरपेक्ष और प्रगतिशील ताकतों के साथ-साथ अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदुओं के भविष्य के लिए बुरा संकेत है। बांग्लादेश में हिंदू काफी समय से इस्लामवादियों द्वारा दंगों और हिंसा का सामना कर रहे हैं क्योंकि कट्टरपंथी इस्लामी समूह और पार्टियाँ उनके खिलाफ खुलेआम हिंसा कर रही हैं।
इस्तीफे की घोषणा
Sheikh Hasina के इस्तीफे के बाद जनरल वाकर-उज़-ज़मान ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा, “मैं पूरी जिम्मेदारी ले रहा हूँ।”
उन्होंने कहा कि देश को बहुत नुकसान हुआ है, अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है और कई लोगों की जान चली गई है, और हिंसा को समाप्त करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
अंतरिम सरकार का गठन
जनरल ने अंतरिम सरकार बनाने के लिए राष्ट्रपति से बात करने की अपनी योजना का संकेत दिया।
उन्होंने मुख्य विपक्षी दलों और नागरिक समाज के सदस्यों के साथ चर्चा करने का उल्लेख किया, लेकिन हसीना की अवामी लीग को बाहर रखा।
शांति का आह्वान
“यदि स्थिति बेहतर हो जाती है, तो आपातकाल की कोई आवश्यकता नहीं है,” जनरल वाकर-उज़-ज़मान ने कहा, उन्होंने वचन दिया कि नए अधिकारी हाल ही में हुई हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों पर मुकदमा चलाएंगे।
उन्होंने छात्रों से शांत रहने और बदलाव में सहायता करने की अपील की।
Sheikh Hasina: पृष्ठभूमि और प्रतिक्रिया
यह घोषणा कई सप्ताह तक चले घातक विरोध प्रदर्शनों के बीच की गई, जिसमें प्रदर्शनकारियों ने गोनो भवन परिसर में प्रवेश किया।
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जनरल वाकर-उज़-ज़मान ने उम्मीद जताई कि उनके भाषण से स्थिति को स्थिर करने में मदद मिलेगी।