Patna News: राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने हाल ही में एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा कि,
“तेजस्वी यादव जो घोषणा करते हैं, पहले उसकी नकल मुख्यमंत्री करते थे, अब प्रधानमंत्री भी कर रहे हैं।”
इस बयान पर जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने गया स्थित अपने आवास पर मीडिया से बात करते हुए तीखा पलटवार किया। मांझी ने कहा कि तेजस्वी यादव स्वयं को बहुत बड़ा समझने लगे हैं, जबकि उनके पिता लालू प्रसाद यादव के कार्यकाल को लोग आज भी जंगल राज के रूप में याद करते हैं।
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🗣️ “घोषणा करना अलग बात है, काम करना अलग” – मांझी
जीतन राम मांझी ने कहा:
“क्या लड़कियों को साइकिल और पोशाक देने की योजना तेजस्वी ने शुरू की थी? क्या होमगार्ड को वेतन और पोशाक तेजस्वी ने दिया? सारा विकास कार्य नीतीश कुमार के नेतृत्व में हुआ है। तेजस्वी बस कह देते हैं कि हमने घोषणा की थी, लेकिन करने वाला करता है।”
उन्होंने याद दिलाया कि वृद्धा पेंशन योजना में ₹1100 देने की मांग उन्होंने इमामगंज की एक जनसभा में की थी, लेकिन अब तेजस्वी उसका श्रेय ले रहे हैं।
😄 “चांदी-सोने की ताजपोशी कर लो, फर्क नहीं पड़ेगा”
जब राबड़ी देवी द्वारा तेजस्वी यादव की “ताजपोशी” पर सवाल पूछा गया, तो मांझी ने चुटकी लेते हुए कहा:
“चाहे चांदी या सोने की ताजपोशी कर लें, अपने मन माफिक मिठ्ठू बन जाएं, इससे कुछ नहीं होने वाला। 2025 में नेता विपक्ष का पद भी नहीं बचेगा।”
🚨 बाहर के मतदाताओं पर भी उठाए सवाल
मांझी ने चुनाव आयोग के वोटर लिस्ट शुद्धिकरण अभियान (SIR) का समर्थन करते हुए आरोप लगाया कि
“बिहार में ऐसे वोटर हैं जो दो-दो जगहों पर वोट डालते हैं, कुछ तो पाकिस्तान से जुड़े लोग भी हैं।”
उन्होंने दावा किया कि चुनाव आयोग ने 65 लाख फर्जी नाम हटाए हैं और 2025 के चुनाव में तेजस्वी को मुंह दिखाने लायक भी नहीं छोड़ा जाएगा।
🔚 निष्कर्ष:
बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर राजनीतिक बयानबाज़ी तेज़ होती जा रही है। तेजस्वी यादव और एनडीए नेताओं के बीच चल रही जुबानी जंग से यह साफ है कि चुनावी रणनीति अब सोशल मीडिया से सड़कों तक उतर आई है।