Koderma: कोडरमा जिले में 108 एम्बुलेंस सेवा से जुड़े चालक और अन्य कर्मचारी अपनी लंबित मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। हड़ताली कर्मचारियों का कहना है कि समय पर वेतन नहीं मिलना, ग्रेच्युटी और प्रोत्साहन राशि का भुगतान न होना, और लगातार कंपनियों के बदलने के कारण उत्पन्न समस्याएं उनके लिए रोज़ी-रोटी का संकट बन चुकी हैं।
हड़ताल पर बैठे चालकों ने बताया कि जब भी कोई नई कंपनी आती है, पुरानी कंपनी एक से दो महीने की सैलरी, प्रोत्साहन राशि, पीएफ, ग्रेच्युटी आदि का भुगतान किए बिना चली जाती है। वहीं, नई कंपनी शुरुआती महीनों में वेतन देने में देरी करती है। इस कारण से कर्मचारियों को आर्थिक तंगी झेलनी पड़ रही है और कई बार भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।
चालकों का यह भी कहना है कि वर्तमान में जिन नए 108 एम्बुलेंस वाहनों को हैंडओवर किया गया है, उनकी स्थिति बेहद जर्जर है। कई वाहन चलने लायक नहीं हैं और कुछ अब तक हैंडओवर भी नहीं हो पाए हैं। जो वाहन चल भी रहे हैं, वे कुछ किलोमीटर चलने के बाद हीट होकर बंद हो जाते हैं या फिर टायर ब्लास्ट और ब्रेकडाउन जैसी घटनाएं होती हैं, जिससे दुर्घटना का खतरा बना रहता है।
वर्तमान कंपनी “सम्मान फाउंडेशन” द्वारा कर्मचारियों को एक दिन में चार केस करने के लिए कहा जा रहा है, लेकिन गाड़ियों की तकनीकी स्थिति इतनी खराब है कि यह संभव नहीं हो पा रहा है। खराब गाड़ियों की मरम्मत नहीं की जा रही, जिससे आम जनता भी एम्बुलेंस सेवा से वंचित हो रही है। इसके अलावा जिन कर्मचारियों की गाड़ियाँ ठीक नहीं हैं, उन्हें ड्यूटी से हटा दिया गया है।
चालकों की मुख्य मांगें इस प्रकार हैं:
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ZHएल कंपनी द्वारा नवंबर 2017 में जाते समय कोरोना प्रोत्साहन राशि और ग्रेच्युटी का बकाया भुगतान किया जाए।
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GVK कंपनी द्वारा अगस्त 2023 में पीएफ और 70 दिनों की सैलरी लेकर चली गई, उसका भुगतान किया जाए।
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सम्मान फाउंडेशन द्वारा फरवरी और मार्च 2025 का वेतन अभी तक नहीं दिया गया है, उसका तत्काल भुगतान किया जाए।
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पुराने कर्मचारियों को पुनः जॉइनिंग दी जाए।
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सभी खराब गाड़ियों की मरम्मत तत्काल करवाई जाए।
इस आंदोलन में मोहन प्रसाद वर्मा, सुभाष कुमार यादव, निशु पटेल, विकास राजवंशी, देवेंद्र कुमार, उत्तम कुमार, राहुल कुमार, बाजो दास, मनोज कुमार वर्मा, प्रमोद कुमार, तूफानी कुमार, प्रकाश कुमार, चंदन कुमार, दीपक कुमार, छोटू कुमार, विद्या भूषण पटेल, संतोष कुमार, तबरेज, विद्यानंद कुमार, मो. महताब, सुमंत कुमार सहित दर्जनों चालक व कर्मचारी शामिल हैं।
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हड़ताल के चलते जिले में आपातकालीन चिकित्सा सेवा पर असर पड़ा है। प्रशासन की ओर से अब तक कोई ठोस पहल नहीं की गई है, जिससे कर्मचारियों की नाराजगी और बढ़ती जा रही है। यदि जल्द ही समाधान नहीं निकला, तो इसका सीधा असर मरीजों की जान पर पड़ सकता है।