Navratri 2025: बाबा बैद्यनाथ की नगरी देवघर में धार्मिक परंपराओं का विशेष महत्व है। यहाँ यह मान्यता है कि भगवान शिव की पूजा से पहले तीन शक्तिस्वरूपा माताओं काली माता, संध्या माता और पार्वती माता की गुप्त रूप से पूजा की जाती है। यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है और इसे अत्यंत पवित्र एवं अनिवार्य माना जाता है।
स्थानीय पुरोहितों के अनुसार, यह पूजा अत्यंत प्राचीन है और इसका उल्लेख मौखिक परंपराओं में बार-बार आता है। उनका मानना है कि शिव की आराधना तभी पूर्ण मानी जाती है जब उनके साथ शक्ति रूपी माताओं का भी आह्वान किया जाए।
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इस विशेष पूजा में श्रद्धालु दीप, पुष्प, फल एवं विशेष प्रसाद अर्पित कर माताओं से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। कहा जाता है कि इस पूजा में भाग लेने से भक्तों के जीवन की कठिनाइयाँ दूर होती हैं और उन्हें मानसिक शांति, सुख तथा समृद्धि की प्राप्ति होती है।
विशेषकर सावन और भाद्रपद महीनों में यह परंपरा और भी विशेष रूप से निभाई जाती है। इन दिनों में देवघर का वातावरण भक्ति और आस्था से परिपूर्ण रहता है, और देशभर से श्रद्धालु यहाँ उमड़ पड़ते हैं।