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बिहार चुनाव के नतीजों का झारखंड में दिखेगा असर! हेमंत कैबिनेट से RJD मंत्री की छुट्टी की अटकलें तेज

On: November 19, 2025 9:32 PM
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बिहार चुनाव के नतीजों का झारखंड में दिखेगा असर! हेमंत कैबिनेट से RJD मंत्री की छुट्टी की अटकलें तेज
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Ranchi News: बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों की गूंज अब पड़ोसी राज्य झारखंड में भी सुनाई देने लगी है। बिहार में राजद की करारी हार और उसके बाद गठबंधन टूटने के बाद, झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार में राजद कोटे से मंत्री संजय प्रसाद यादव की कुर्सी खतरे में पड़ गई है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि झामुमो अब राजद के खिलाफ कड़ा रुख अपना सकता है।

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गठबंधन में दरार: बिहार में सीटों का बंटवारा

इस संभावित कार्रवाई की मुख्य वजह बिहार चुनाव के दौरान हुई खटास मानी जा रही है। ‘इंडिया’ गठबंधन (विशेषकर राजद) ने बिहार चुनाव में झामुमो को एक भी सीट नहीं दी थी, जिससे नाराज होकर झामुमो ने खुद को प्रचार से अलग कर लिया था। अब जब बिहार में राजद की हार हुई है, तो झारखंड में प्रचंड बहुमत वाली झामुमो सरकार, जो अपने सहयोगियों पर ज्यादा निर्भर नहीं है, गठबंधन की समीक्षा करने के मूड में है।

Jharkhand News: मंत्री संजय यादव पर दोहरे आरोप

श्रम एवं उद्योग मंत्री संजय प्रसाद यादव दो वजहों से विवादों में घिर गए हैं:

  1. दो वोटर लिस्ट में नाम: उन पर आरोप है कि उनका नाम झारखंड और बिहार, दोनों राज्यों की मतदाता सूची में है।

  2. बिहार में मतदान: उनकी तस्वीरें वायरल हुई हैं जिनमें वे बिहार की कहलगांव सीट पर मतदान करते दिख रहे हैं। यहां से उनके बेटे ने राजद के टिकट पर चुनाव लड़ा था (और हार गए)। विपक्ष ने इसे बड़ा मुद्दा बना लिया है।

भाजपा का तंज: ‘हेमंत अब जीवंत होंगे’

भाजपा प्रवक्ता डॉ. अजय आलोक ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर इशारों में इस बदलाव के संकेत दिए हैं। उन्होंने लिखा, “अब नया बम झारखंड में, हेमंत अब जीवंत होंगे।” इसे राजनीतिक पंडित इस तरह देख रहे हैं कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अब दबाव हटाकर कड़े फैसले ले सकते हैं।

संजय प्रसाद यादव: कौन हैं और क्या है रसूख?

  • पद: गोड्डा से तीसरी बार विधायक (1999, 2009, 2024)। दिसंबर 2024 में सोरेन कैबिनेट में शामिल हुए।

  • राजनीतिक कद: वे लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव के बेहद करीबी माने जाते हैं। झारखंड विधानसभा में राजद के मात्र 4 विधायक होने के बावजूद, इसी नजदीकी के कारण उन्हें मंत्री पद मिला था।

क्या है मौजूदा स्थिति?

झामुमो ने आधिकारिक तौर पर गठबंधन की समीक्षा की बात कही है। हालांकि, 15 नवंबर को राज्य स्थापना दिवस समारोह के मंच पर संजय यादव मुख्यमंत्री के साथ नजर आए थे, जिससे संकेत मिलता है कि झामुमो कोई भी फैसला जल्दबाजी में नहीं बल्कि सोच-समझकर लेगा।

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