Bhagalpur: बिहार के भागलपुर जिले के कहलगांव प्रखंड अंतर्गत मध्य विद्यालय बुद्ध चक से एक चौंकाने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में विद्यालय परिसर में अश्लील भोजपुरी गानों पर बार बालाओं को डांस करते देखा जा सकता है, जबकि दर्शकों की भीड़ तालियों के साथ इस फूहड़ता का आनंद लेती नजर आ रही है।
यह वीडियो एक तरफ जहाँ शिक्षा के मंदिर की गरिमा को ठेस पहुँचाता है, वहीं बिहार सरकार और शिक्षा विभाग के उस दावे को भी कठघरे में खड़ा करता है जिसमें वे सरकारी स्कूलों में “गुणवत्तापूर्ण शिक्षा” देने की बात करते हैं।
पुलिस और प्रशासन पर उठ रहे सवाल
इस शर्मनाक कार्यक्रम का आयोजन बुद्ध चक थाना से कुछ ही दूरी पर स्थित स्कूल में किया गया, जिससे स्थानीय पुलिस की भूमिका पर गंभीर सवाल उठते हैं। क्या इस आयोजन की अनुमति प्रशासन से ली गई थी? यदि नहीं, तो पुलिस और प्रशासन ने इस पर संज्ञान क्यों नहीं लिया?
बिहार पुलिस मुख्यालय ने हाल ही में निर्देश जारी किया था कि अश्लील भोजपुरी गानों और फूहड़ कार्यक्रमों पर सख्त कार्रवाई की जाए। इसके बावजूद विद्यालय जैसे पवित्र स्थान में इस तरह का आयोजन होना प्रशासनिक उदासीनता और लापरवाही को दर्शाता है।
स्थानीय लोगों में आक्रोश
स्थानीय ग्रामीणों और अभिभावकों में इस घटना को लेकर भारी रोष है। उनका कहना है कि बच्चों के विद्यालय में इस तरह के फूहड़ कार्यक्रमों का आयोजन न केवल बच्चों की मानसिकता को दूषित करता है, बल्कि यह समाज में गलत संदेश भी देता है। उन्होंने इस मामले की उच्चस्तरीय जांच और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
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सवालों के घेरे में शिक्षा व्यवस्था
यह घटना कई गंभीर सवाल खड़े करती है:
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क्या सरकारी स्कूल अब मनोरंजन और फूहड़ता का मंच बन चुके हैं?
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क्या शिक्षा के नाम पर मिलने वाले सरकारी संसाधनों का ऐसा दुरुपयोग बर्दाश्त किया जाना चाहिए?
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बच्चों के भविष्य और मानसिक विकास पर इस तरह की घटनाओं का क्या असर पड़ेगा?
यदि सरकारी स्कूलों में बार बालाएं थिरकेंगी, तो किताबों और शिक्षकों की भूमिका कहाँ जाएगी? इस तरह की घटनाएं न सिर्फ शिक्षा व्यवस्था की विफलता को उजागर करती हैं, बल्कि समाज के भविष्य—हमारे बच्चों—पर एक गहरा प्रश्नचिह्न भी लगाती हैं।