Latehar: लातेहार जिले में अबुआ आवास योजना में भारी धांधली और मनमानी का मामला सामने आया है। आरोप है कि जिन लोगों के पास ट्रैक्टर, क्रेशर या छर्री प्लांट जैसे संसाधन हैं, उन्हें भी इस योजना का लाभ मिल रहा है, जबकि असल में जरूरतमंद और गरीब लोग इससे वंचित रह जा रहे हैं। मनिका थाना क्षेत्र के नामुदाग गांव के नागेन्द्र यादव और अन्य ग्रामीणों ने जिला उपायुक्त से मिलकर इस मामले में न्याय की गुहार लगाई है।
ग्रामीणों का आरोप है कि पंचायत सचिवालय में बैठे-बैठे लाभुकों की सूची बनाई जा रही है, जिसमें केवल उन लोगों को शामिल किया जा रहा है जो पैसे देकर या व्यक्तिगत संपर्कों के जरिए लाभ प्राप्त कर रहे हैं। नागेन्द्र यादव ने बताया कि उनके पास खुद का कोई घर नहीं है और वे बेहद गरीबी में जीवन गुजार रहे हैं, फिर भी उन्हें अबुआ आवास योजना का लाभ नहीं दिया गया।
एक ही परिवार को तीन-तीन आवास, गरीब को कुछ नहीं
यादव का कहना है कि एक ही परिवार के तीन सदस्यों को योजना का लाभ मिल चुका है, जबकि उनके जैसे असली जरूरतमंदों को बार-बार नजरअंदाज किया जा रहा है। उन्होंने क्षेत्र के मुखिया, पंचायत सेवक और आवास मित्र पर मिलीभगत का गंभीर आरोप लगाया है। उनका दावा है कि इन लोगों ने जानबूझकर कुछ लोगों का स्कोर ज्यादा दिखाया, ताकि उन्हें योजना से बाहर किया जा सके।
मुखिया से गुहार, फिर भी नहीं मिली सुनवाई
अशोक यादव, जो खुद भी इस योजना के लिए आवेदन कर चुके हैं, ने कहा, “हम बहुत ही गरीब हैं, हमारे पास इतना भी पैसा नहीं कि किसी को रिश्वत दे सकें। हमने मुखिया का पैर भी पकड़ा, लेकिन उसने हमारी एक नहीं सुनी।” उन्होंने कहा कि सरकार ने यह योजना गरीबों के लिए बनाई थी, मगर इसका लाभ अमीर और रसूखदार उठा रहे हैं।
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सरकार की मंशा पर उठ रहे सवाल
अबुआ आवास योजना मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका उद्देश्य था कि हर गरीब व्यक्ति के सिर पर एक छत हो। लेकिन लातेहार में सामने आए इस तरह के मामलों से सरकार की मंशा पर ही सवाल उठने लगे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अगर ऐसे ही भ्रष्टाचार होता रहा, तो यह योजना सिर्फ कागजों पर ही सिमट कर रह जाएगी।