Sunday, July 27, 2025
spot_imgspot_imgspot_imgspot_img
Homeझारखंडलातेहार में मखाना की खेती बनी किसानों की आय का नया जरिया

लातेहार में मखाना की खेती बनी किसानों की आय का नया जरिया

Latehar: लातेहार जिले में किसानों की आय बढ़ाने और उन्हें स्थायी रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में जिला प्रशासन और कृषि विभाग ने एक अभिनव पहल की है। उपायुक्त उत्कर्ष कुमार गुप्ता के निर्देशन और जिला कृषि पदाधिकारी अमृतेश कुमार के नेतृत्व में मखाना की खेती को बढ़ावा देने के लिए एक विशेष अभियान की शुरुआत की गई है। इस पहल के तहत जिले के मोंगर और डेमू पंचायतों में मखाना की खेती की शुरुआत की गई है, जिसमें बड़ी संख्या में किसानों ने भाग लिया है।

मखाना की खेती, जो अब तक बिहार के कुछ इलाकों तक सीमित थी, अब लातेहार जैसे आदिवासी बहुल जिले में भी अपने पंख फैला रही है। तालाबों और जलाशयों में की जाने वाली इस खेती से किसानों को परंपरागत फसलों से अलग एक नई आय का स्रोत मिला है। शुरुआत में किसानों को मखाना की खेती की जानकारी नहीं थी, लेकिन जिला प्रशासन की ओर से उन्हें न सिर्फ इसके लाभ बताए गए, बल्कि प्रशिक्षित करने के लिए दरभंगा के मखाना प्रशिक्षण केंद्र भी भेजा गया।

प्रशिक्षण के बाद लौटे किसानों ने अपने-अपने तालाबों में मखाना के पौधे रोपित किए, जो अब लहलहा रहे हैं। कई किसानों की फसल तैयार हो चुकी है और वे इससे काफी उत्साहित हैं। एक स्थानीय किसान ने बताया, “हमें पहले मखाना की खेती के बारे में जानकारी नहीं थी। लेकिन अब हमें इसका महत्व समझ में आ गया है और हम उम्मीद कर रहे हैं कि इससे अच्छी आमदनी होगी।”

मखाना की मांग देश और विदेश दोनों में लगातार बढ़ रही है। यह स्वादिष्ट होने के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है। जिला कृषि पदाधिकारी अमृतेश कुमार ने बताया, “मखाना की बाजार में कीमत प्रति किलो ₹1500 तक है। यदि किसान इसे बड़े पैमाने पर अपनाते हैं, तो उन्हें शानदार मुनाफा हो सकता है।”

इस पहल से न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति सुधरने की संभावना है, बल्कि यह पलायन की समस्या को भी काफी हद तक कम कर सकती है। अब किसान अपने गांव में रहकर ही स्थायी रोजगार और आय प्राप्त कर सकते हैं। कृषि विभाग का मानना है कि यदि यह मॉडल सफल होता है, तो इसे जिले के अन्य प्रखंडों में भी लागू किया जाएगा।

Also Read: बड़कागांव में दो मोटरसाइकिलों की टक्कर में तीन युवक घायल, एक की हालत नाजुक

लातेहार जिले की यह पहल न सिर्फ एक कृषि नवाचार है, बल्कि यह ग्रामीण सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments