बोकारो: बोकारो में विस्थापितों के बंदी आंदोलन के बाद उपजे हालात अब कानून और राजनीति दोनों के गलियारे में हलचल मचा रहे हैं। चास सीओ के लिखित आवेदन के आधार पर सिटी थाना पुलिस ने उपद्रव मामले में 10 नामजद और 300 अज्ञात लोगों पर एफआईआर (FIR) दर्ज की है। इन पर सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का आरोप है।
इस मामले को लेकर अब तक बोकारो में कुल 6 एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं, जबकि कई अन्य आवेदन अब भी लंबित हैं। दूसरी ओर, विस्थापितों ने भी बीएसएल प्रबंधन के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कराया है। यह एफआईआर सिटी थाना में दर्ज हुई है। इसके जवाब में बीएसएल मैनेजमेंट ने भी विस्थापित अप्रेंटिस संघ के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की है।
एफआईआर का यह सिलसिला केवल सिटी थाना तक सीमित नहीं रहा, बल्कि सेक्टर 4 थाना और हरला थाना में भी अलग-अलग मामले दर्ज किए गए हैं। आंदोलन के बाद जिस तरह से एफआईआर पर एफआईआर दर्ज हो रही है, उससे पूरे जिले में तनाव का माहौल बन गया है।
मामला अब सियासी तूल भी पकड़ चुका है। झारखंड लोक चेतना मंच (जेएलकेएम) के अध्यक्ष और डुमरी विधायक जयराम महतो ने कांग्रेस विधायक स्वेता सिंह के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। दोनों नेताओं के बीच शुरू हुई जुबानी जंग अब पुलिस स्टेशन तक पहुंच गई है।
इस बीच, विस्थापितों का मूल मुद्दा कहीं न कहीं हाशिए पर चला गया है, जिससे उनके बीच गहरी नाराजगी देखी जा रही है। विस्थापित लगातार बैठकें कर रहे हैं और संगठित होकर अपनी मांगों को फिर से मुखर करने की तैयारी में जुटे हैं।
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बोकारो के सिटी डीएसपी ने जानकारी दी है कि अब तक 6 एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं और कई आवेदन अभी भी विचाराधीन हैं। इससे साफ है कि आने वाले दिनों में बोकारो का राजनीतिक पारा और चढ़ सकता है और नेताओं की बयानबाजी भी तेज हो सकती है।
बोकारो में एक आंदोलन ने जहां प्रशासन को चुनौती दी है, वहीं राजनीतिक गलियारों में हलचल बढ़ा दी है। अब देखना यह होगा कि कानून का पहिया किस दिशा में घूमता है और विस्थापितों की आवाज कितनी दूर तक गूंजती है।