Gumla: झारखंड के गुमला जिले में रविवार को आदिवासी समुदाय का आक्रोश सड़कों पर फूट पड़ा। सिरोम टोली स्थित केंद्रीय सरना स्थल पर सरकार द्वारा फिर से रैंप निर्माण कार्य शुरू किए जाने के विरोध में हजारों की संख्या में आदिवासी छात्र-छात्राओं और युवाओं ने पालकोट रोड से एक विशाल जुलूस निकाला।
जुलूस के दौरान “हेमंत सोरेन मुर्दाबाद” और “सरना समुदाय का अपमान नहीं सहेगा झारखंड” जैसे नारों से पूरा इलाका गूंज उठा। बाद में प्रदर्शनकारियों ने सिरोम टोली पहुंचकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का पुतला दहन किया और सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि हेमंत सरकार आदिवासियों के वोट से सत्ता में आने के बावजूद अब उनकी संस्कृति और आस्था को चोट पहुंचा रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरना स्थल पर रैंप निर्माण कार्य को तुरंत नहीं रोका गया, तो राज्यभर में बड़े आंदोलन और झारखंड बंद का आह्वान किया जाएगा।
आंदोलन में शामिल आदिवासी नेताओं ने राज्य के आदिवासी जनप्रतिनिधियों पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि झारखंड की 28 आदिवासी विधानसभा क्षेत्रों और 5 लोकसभा सीटों से चुने गए प्रतिनिधि इस गंभीर मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं, जो आदिवासी समाज के साथ खुला धोखा है।
नेताओं ने सिरोम टोली की ऐतिहासिक महत्ता को भी रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि यही वह पवित्र स्थल है, जहां से आदिवासी नेता कार्तिक उरांव ने ऐतिहासिक सरहुल जुलूस की शुरुआत की थी। ऐसे पवित्र स्थल पर रैंप निर्माण को उन्होंने आदिवासी अस्मिता, संस्कृति और परंपरा पर सीधा हमला करार दिया।
प्रदर्शनकारियों ने सरकार को अल्टीमेटम दिया कि यदि जल्द से जल्द रैंप निर्माण नहीं रोका गया और मौजूदा ढांचा नहीं हटाया गया, तो पूरे राज्य में आंदोलन और बंद को तेज किया जाएगा।
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आदिवासी समुदाय के इस उग्र विरोध ने राज्य सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। संकेत मिल रहे हैं कि आने वाले दिनों में आदिवासी संगठन राज्यव्यापी आंदोलन की रणनीति को और धार देने की तैयारी में जुट गए हैं।