Bihar सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने शनिवार को घोषणा की कि राज्य के सात जिलों में 50-50 बेड वाले एकीकृत आयुष अस्पताल स्थापित किए जाएंगे। यह पहल केंद्र सरकार की आयुष्मान आरोग्य मंदिर योजना के तहत की जा रही है, जिसका उद्देश्य पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को सुलभ और सशक्त बनाना है।
स्वास्थ्य व्यवस्था में एक नया आयाम!
बिहार के 6 जिलों में खुलेंगे 50 बेड के होम्योपैथिक अस्पताल, जहां होम्योपैथी, आयुर्वेद और यूनानी चिकित्सा पद्धतियों से मिलेगा प्रभावी इलाज। pic.twitter.com/wakNEzuco7— Mangal Pandey (@mangalpandeybjp) April 26, 2025
Bihar News: इन जिलों में खुलेंगे आयुष अस्पताल
स्वास्थ्य मंत्री ने जानकारी दी कि जिन जिलों में ये अस्पताल स्थापित किए जाएंगे, उनमें गोपालगंज, सिवान, मधुबनी, दरभंगा, बेगूसराय, गया और मोतिहारी शामिल हैं। प्रत्येक जिले में बनने वाले आयुष अस्पताल में आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी जैसी चिकित्सा पद्धतियों की सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इन अस्पतालों के निर्माण से ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों में रहने वाली जनता को बड़ी राहत मिलेगी, जो अब आधुनिक चिकित्सा के साथ-साथ पारंपरिक चिकित्सा विकल्पों का भी लाभ उठा सकेगी।
Bihar News: आयुष्मान आरोग्य मंदिर योजना के तहत नई पहल
आयुष्मान आरोग्य मंदिर योजना का मुख्य उद्देश्य देश भर में स्वास्थ्य सेवाओं को समावेशी बनाना और आयुष चिकित्सा पद्धति को जन-जन तक पहुँचाना है। इस योजना के तहत बिहार में शुरू किए जा रहे आयुष अस्पतालों में न केवल रोगों के उपचार की सुविधा होगी, बल्कि निवारक स्वास्थ्य देखभाल, योग सत्र, तथा प्राकृतिक चिकित्सा कार्यक्रम भी संचालित किए जाएंगे।
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इसके अलावा, इन अस्पतालों में प्रशिक्षित आयुष चिकित्सकों की तैनाती की जाएगी ताकि मरीजों को गुणवत्तापूर्ण सेवाएं मिल सकें।
रोजगार के नए अवसर भी खुलेंगे
मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि इन अस्पतालों के निर्माण और संचालन से स्थानीय स्तर पर रोजगार के भी नए अवसर सृजित होंगे। डॉक्टरों, नर्सों, तकनीशियनों और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की नियुक्ति की जाएगी, जिससे युवाओं को अपने ही जिले में रोजगार पाने का अवसर मिलेगा। साथ ही, पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों में प्रशिक्षित पेशेवरों की मांग में भी वृद्धि होगी।
भविष्य की योजनाओं का खाका
स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी संकेत दिया कि आने वाले समय में राज्य के अन्य जिलों में भी आयुष अस्पतालों का विस्तार किया जाएगा। सरकार का लक्ष्य है कि हर जिले में कम से कम एक उच्च गुणवत्ता वाला आयुष केंद्र स्थापित हो, ताकि लोग एलोपैथी के साथ-साथ वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों का भी भरपूर लाभ उठा सकें। इसके अलावा, जागरूकता कार्यक्रमों के जरिए लोगों को योग और आयुर्वेद जैसी जीवनशैली आधारित चिकित्सा प्रणालियों के फायदों के बारे में भी बताया।