Bihar Survey 2025: बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। हाल ही में सामने आए एक चुनावी सर्वे ने प्रदेश की राजनीति में नई हलचल मचा दी है।
Bihar Election C Voter Survey: बिहार में किसका पलड़ा भारी, C Voter का नया सर्वे#biharelections2025 #cvotersurvey
पूरा वीडियो देखने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें.https://t.co/n4EdWDXeic pic.twitter.com/vdvepZnFhh
— News Tak (@newstakofficial) April 16, 2025
इस सर्वे में मुख्यमंत्री पद के लिए लोगों की पसंद को लेकर जो आंकड़े सामने आए हैं, वे मौजूदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए चिंता का कारण बन सकते हैं, जबकि विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के लिए यह किसी खुशखबरी से कम नहीं है। वहीं, जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने अपनी लोकप्रियता से सभी को चौंका दिया है।
Bihar Survey 2025: नीतीश कुमार की लोकप्रियता में गिरावट
इस सर्वे के मुताबिक, बिहार के मौजूदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की लोकप्रियता में उल्लेखनीय गिरावट देखने को मिली है। जहां एक समय उन्हें विकास पुरुष के रूप में देखा जाता था, अब वही जनता उनके कार्यकाल से असंतुष्ट नजर आ रही है। गठबंधन की राजनीति और बार-बार की सियासी अदला-बदली ने उनके भरोसे को कमजोर किया है। सर्वे में भाग लेने वाले कई लोगों ने यह भी कहा कि नीतीश अब पहले जैसे मजबूत और निर्णायक नेता नहीं रहे।
Bihar Survey 2025: तेजस्वी यादव को बढ़त
इस सर्वे का सबसे बड़ा फायदा तेजस्वी यादव को मिलता दिखाई दे रहा है। युवा नेता के तौर पर उन्होंने अपने भाषणों और कार्यक्रमों के माध्यम से जनता में एक नई उम्मीद जगाई है। विशेषकर युवाओं और ग्रामीण मतदाताओं के बीच उनकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ी है। रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर उनकी स्पष्ट राय और योजनाओं ने लोगों को प्रभावित किया है।
यह भी पढ़े: राम विलास +2 उच्च विद्यालय बेरमो में लगातार हो रही है चोरी
Bihar Election Survey 2025: प्रशांत किशोर: एक नई राजनीतिक ताकत
सर्वे में सबसे बड़ा सरप्राइज जन सुराज अभियान चला रहे प्रशांत किशोर को लेकर देखने को मिला है। उन्होंने न केवल जनता के बीच अपनी पहचान मजबूत की है, बल्कि उन्हें मुख्यमंत्री पद के लिए एक संभावित विकल्प के रूप में भी देखा जा रहा है। उनका जमीनी संपर्क, गांव-गांव जाकर संवाद करना और पारदर्शिता पर जोर देना कई मतदाताओं को आकर्षित कर रहा है। हालांकि वे अभी तक किसी गठबंधन का हिस्सा नहीं बने हैं, फिर भी उनकी उपस्थिति ने सियासी समीकरणों को जटिल बना दिया है।
चुनावी रण में नई दिशा
इस सर्वे ने यह स्पष्ट कर दिया है कि बिहार की राजनीति अब पारंपरिक ढांचे से आगे बढ़ रही है। जनता अब विकल्पों की तलाश में है और पुराने चेहरों से आगे देखना चाहती है। नीतीश कुमार को अपनी साख बचाने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी, वहीं तेजस्वी और प्रशांत किशोर के लिए यह मौका है जनता का विश्वास जीतने का।आगामी महीनों में यदि यही रुझान बने रहे, तो बिहार का सत्ता समीकरण पूरी तरह बदल सकता है।