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Thursday, September 4, 2025

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Champai Soren को पुलिस ने किया हाउस अरेस्ट, सियासी हलचल तेज

रांची। Champai Soren: झारखंड की राजनीति में मंगलवार का दिन अचानक हलचल भरा हो गया, जब राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ झामुमो नेता चंपई सोरेन को पुलिस ने हाउस अरेस्ट कर लिया।

इस कार्रवाई के बाद न केवल झामुमो कार्यकर्ताओं में आक्रोश दिखा बल्कि विपक्ष ने भी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। वहीं, खुद चंपई सोरेन ने पुलिस की इस कार्रवाई को लोकतंत्र पर हमला बताया है।

Champai Soren House Arrest: पुलिस ने दिया सुरक्षा और कानून-व्यवस्था बिगड़ने का तर्क

पुलिस सूत्रों के मुताबिक चंपई सोरेन को संभावित कानून-व्यवस्था की समस्या और सुरक्षा कारणों से उनके आवास पर ही नजरबंद किया गया है। अधिकारियों का कहना है कि हाल के दिनों में कई इलाकों में तनावपूर्ण माहौल था, जिसे देखते हुए एहतियातन यह कदम उठाया गया। हालांकि पुलिस ने यह स्पष्ट नहीं किया कि सोरेन को कितने समय तक हाउस अरेस्ट में रखा जाएगा।

लोकतंत्र पर हमला करार, Champai Soren का कड़ा बयान

चंपई सोरेन ने हाउस अरेस्ट पर नाराज़गी जताते हुए कहा कि यह जनता की आवाज़ को दबाने की कोशिश है। उन्होंने कहा “मैंने हमेशा झारखंड की जनता के लिए काम किया है। आज मुझे घर में बंद करना लोकतंत्र के खिलाफ है। जनता को सच्चाई से दूर रखने की कोशिश की जा रही है, लेकिन मैं डरने वाला नहीं हूं।” सोरेन ने आगे कहा कि वह लगातार आदिवासी, किसान और गरीबों की आवाज उठाते रहे हैं। इसी कारण उन्हें निशाना बनाया जा रहा है।

उन्होंने राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन पर विपक्षी ताकतों के दबाव में काम करने का आरोप भी लगाया।

विपक्ष ने सरकार पर बोला हमला और समर्थन में उतरे कार्यकर्ता

विपक्षी दलों ने इस घटना को लोकतंत्र का अपमान बताया। भाजपा नेताओं ने कहा कि सरकार झामुमो के अंदरूनी मतभेदों और बढ़ते जनसमर्थन को दबाने के लिए ऐसे कदम उठा रही है। वहीं कांग्रेस और वाम दलों ने भी चंपई सोरेन को हाउस अरेस्ट करने पर सवाल उठाए। झामुमो कार्यकर्ताओं ने रांची और अन्य जिलों में प्रदर्शन करते हुए पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। उनका कहना है कि चंपई सोरेन जैसे वरिष्ठ नेता को घर में बंद करना असंवैधानिक है।

राजनीतिक समीकरण और आगामी चुनावी परिदृश्य पर असर

राजनीतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि यह घटनाक्रम आने वाले दिनों में झारखंड की राजनीति में बड़े बदलाव का संकेत हो सकता है। चंपई सोरेन पहले भी कई बार सरकार के कामकाज और नीतियों पर सवाल उठाते रहे हैं। ऐसे में हाउस अरेस्ट की यह कार्रवाई झामुमो और विपक्ष के बीच नए समीकरण बना सकती है।

सोशल मीडिया पर भी इस घटना को लेकर तीखी प्रतिक्रियाएँ सामने आ रही हैं। कुछ लोग इसे विपक्ष की आवाज़ दबाने की साजिश बता रहे हैं, तो कुछ इसे कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए उठाया गया कदम कह रहे हैं।

झारखंड की राजनीति में नया मोड़ या अस्थायी विवाद?

चंपई सोरेन का हाउस अरेस्ट फिलहाल झारखंड की राजनीति में बड़ा मुद्दा बन चुका है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि पुलिस इस कार्रवाई को किस तरह सही ठहराती है और विपक्ष इसे किस दिशा में आगे बढ़ाता है। निश्चित रूप से यह प्रकरण राज्य की राजनीतिक परिस्थितियों को और अधिक पेचीदा बना सकता है।

 

 

 

 

यह भी पढ़े: Jharkhand को नितिन गडकरी का तोहफा, झारखंड में सड़क निर्माण को मिली नई रफ्तार, राज्य को मिलेगा विकास का नया आयाम

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