New Delhi: लोक जनशक्ति पार्टी के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री Chirag Paswan ने गुरुवार को दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की।
आज नई दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह केंद्रीय मंत्री आदरणीय श्री @JPNadda जी से मुलाकात हुई। इस दौरान बिहार विधानसभा चुनाव से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तृत चर्चाएं हुई। pic.twitter.com/QcYvWrDApk
— युवा बिहारी चिराग पासवान (@iChiragPaswan) July 17, 2025
यह बैठक ऐसे समय हुई जब बिहार की राजधानी पटना में हुई शूटआउट घटना को लेकर राजनीतिक पारा चरम पर है। चिराग ने बैठक के बाद ट्विटर पर पोस्ट कर इस मुद्दे पर नीतीश सरकार और पुलिस प्रशासन को कटघरे में खड़ा किया।
Chirag Paswan News: पटना शूटआउट- कानून-व्यवस्था पर बड़ा सवाल
हाल ही में पटना में दिनदहाड़े हुई शूटआउट की घटना ने प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस घटना में एक व्यवसायी की हत्या हुई, जिसे लेकर जनता में भय का माहौल है। चिराग पासवान ने इस मामले को लेकर नीतीश सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि “बिहार की पुलिस आज पूरी तरह से असहाय नजर आ रही है अपराधी बेलगाम हैं और सरकार मूकदर्शक बनी बैठी है।”
Chirag Paswan: जेपी नड्डा से मुलाकात- चुनावी रणनीति या तात्कालिक चिंता?
हालांकि मुलाकात को ‘शिष्टाचार भेंट’ बताया गया, लेकिन इसके राजनीतिक मायने भी निकाले जा रहे हैं। बिहार में 2025 के विधानसभा चुनाव और गठबंधन की तैयारियों के संदर्भ में यह मुलाकात अहम मानी जा रही है। चिराग पासवान पहले ही एलान कर चुके हैं कि वह भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए का हिस्सा बने रहेंगे, लेकिन वह बिहार में अपनी पार्टी की स्वतंत्र पहचान बनाए रखना चाहते हैं।
नीतीश कुमार पर तीखा हमला
चिराग ने साफ कहा कि “मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज्य की जनता को सुरक्षा देने में विफल हो चुके हैं।” उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस प्रशासन राजनीतिक दबाव में काम कर रहा है, जिससे अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। उन्होंने मांग की कि पटना शूटआउट मामले की उच्च स्तरीय जांच हो और दोषियों को जल्द से जल्द सजा मिले।
भविष्य की राजनीति के संकेत
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि चिराग पासवान इस मुलाकात के जरिए दिल्ली की सत्ता में अपनी पकड़ मजबूत करने के साथ-साथ बिहार की राजनीति में फिर से सक्रिय भूमिका निभाने की तैयारी में हैं। शूटआउट जैसे संवेदनशील मुद्दों पर आक्रामक रुख अपनाकर वह नीतीश सरकार के खिलाफ विपक्षी भूमिका में खुद को स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं।
दिल्ली में हुई यह मुलाकात न केवल एक राजनीतिक औपचारिकता थी, बल्कि इसमें बिहार की बदलती राजनीति की आहट भी सुनाई दी। चिराग पासवान अब पहले से ज्यादा मुखर और सजग दिख रहे हैं। पटना शूटआउट को लेकर उनका रुख साफ संकेत देता है कि आने वाले दिनों में बिहार में सत्तापक्ष बनाम चिराग की राजनीति और भी तेज़ हो सकती है।