उपराष्ट्रपति बनने के लिए जरूरी 392 मतों के मुकाबले राधाकृष्णन को लगभग दो तिहाई बहुमत प्राप्त हुआ। कुल 782 सांसदों में से 767 ने मतदान किया, जिनमें से 752 वोट वैध घोषित किए गए जबकि 15 मत अमान्य पाए गए।
बीजेपी ने दावा किया है कि विपक्ष के 14 सांसदों ने क्रॉस वोटिंग कर एनडीए उम्मीदवार का समर्थन किया। एनडीए को पहले से ही 427 सांसदों का समर्थन प्राप्त था, जबकि वाईएसआर कांग्रेस के 11 सांसदों के समर्थन से यह आंकड़ा 438 तक पहुंच गया। क्रॉस वोटिंग के चलते यह संख्या बढ़कर 452 हो गई, जो राधाकृष्णन की जीत का आधार बनी।
सीपी राधाकृष्णन का राजनीतिक सफर
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तमिलनाडु के तिरुप्पुर जिले में जन्मे सीपी राधाकृष्णन ने 17 वर्ष की उम्र में आरएसएस से जुड़ाव बनाया था।
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वे 1998 और 1999 में कोयंबटूर से लोकसभा के लिए चुने गए और संसद पहुंचे।
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2004 से 2007 तक वे तमिलनाडु बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रहे।
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2023 में उन्हें झारखंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया था।
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इसके बाद फरवरी 2024 में वे महाराष्ट्र के 24वें राज्यपाल बने।
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उनके लंबे राजनीतिक और संगठनात्मक अनुभव को देखते हुए एनडीए ने उन्हें उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनाया, और अब वह देश के 14वें उपराष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभालेंगे।