Ranchi News : 13 अप्रैल को देश दुनिया में खजूर पर्व मनाया जा रहा है साथ-साथ राजधानी रांची में भी पाम संडे मनाया जा रहा है. पाम संडे ईसाई विश्वासियों के लिए लेंट के पवित्र सप्ताह की शुरुआत का प्रतीक है। पाम संडे की पूजा के साथ सभी ईसाई इस वर्ष के लेंट के पवित्र सप्ताह में प्रवेश करेंगे।
इस त्योहार (पाम संडे) के अवसर पर खजूर की डालियों का विशेष महत्व है, ऐसा माना जाता है कि क्रूस पर पीड़ा और मृत्यु से पहले पाम संडे यीशु मसीह का यरूशलेम में अंतिम प्रवेश था।यह भी माना जाता है कि येरूशलम में प्रभु यीशु गधे पर सवार होकर विनम्रता दिखाते हुए लोगों का अभिवादन स्वीकार कर रहे थे. उसी समय से खजूर की डालियों से प्रभु ईसा मसीह की पूजा करने की परंपरा चली आ रही है।
ईसाई धर्म के लोग खजूर की डालियों के साथ प्रभु यीशु मसीह से आशीर्वाद लेते हैं और प्रभु यीशु मसीह का अभिनंदन और स्वागत करने के लिए लोग रैलियां निकालते हैं और खजूर की डालियां लहराते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन ईसाई धर्मावलंबी यरूशलेम में प्रभु यीशु के स्वागत की घटना को याद करते हैं।और मनुष्य को पाप से मुक्ति दिलाने वाले मसीहा का वे खजूर की डालियां लहराकर सम्मानपूर्वक स्वागत और स्मरण करते हैं। ईसाइयों द्वारा चर्चों में खजूर का आशीर्वाद दिया जाता है और ईसाई समुदाय के लोग इसे अपने घरों में सजाकर रखते हैं।
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इस पर्व (पाम संडे) के अवसर पर खजूर पर्व की टहनियों का बहुत महत्व होता है। पाम संडे के मौके पर ईसाई धर्म के लोग खजूर की डालियों से प्रार्थना कर समाज और राज्य के लोगों के लिए शांति की कामना करते हैं.