Hartalika Teej 2025: भाद्रपद मास की शुक्ल तृतीया तिथि पर हरितालिका तीज का पावन पर्व पूरे श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया गया। महिलाओं ने सुबह से ही निर्जल व्रत रखकर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना की। परंपरा के अनुसार विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं, जबकि अविवाहित कन्याएं अच्छे वर की प्राप्ति के लिए यह व्रत करती हैं।
कथा के अनुसार, माता पार्वती ने कठोर तपस्या कर भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त किया था। इसी स्मृति में यह व्रत हर साल मनाया जाता है। दिनभर उपवास के बाद रातभर जागरण और भजन-कीर्तन का आयोजन किया जाता है। पूजा के दौरान महिलाएं लाल और हरे वस्त्र धारण कर श्रृंगार करती हैं और सुहाग सामग्री अर्पित करती हैं।
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बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और नेपाल सहित विभिन्न क्षेत्रों में इस व्रत का विशेष महत्व है। आस्था और विश्वास से भरा यह पर्व पारिवारिक सुख-समृद्धि और वैवाहिक जीवन की मधुरता का प्रतीक माना जाता है