पटना — भारत और पाकिस्तान के बीच जारी सैन्य तनाव का असर अब देश के भीतर भी दिखने लगा है। Bihar सरकार ने संभावित आपात स्थितियों से निपटने के लिए सिविल डिफेंस को मज़बूत करने की पहल शुरू कर दी है।
NCC Patna Group Excels in Civil Defence Mock Drill!
460 cadets participated in a comprehensive mock drill, showcasing their skills in:
Meeting with District Administration,
Mock drill lecture & demo,
Team formation for awareness,
Night light-out drill and
Rescue operation drill… pic.twitter.com/mYcn9v6Bjp— NCC Directorate (Bihar & Jharkhand) (@NCC_Bih_Jhar) May 7, 2025
राज्य में व्यापक ब्लैकआउट मॉक ड्रिल कराई जा रही है और आम नागरिकों को भी सिविल डिफेंस का हिस्सा बनने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
गुरुवार को आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने राजधानी पटना में बैठक कर तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने बताया कि पूरे राज्य में “ब्लैकआउट मॉक ड्रिल” कराई जाएगी, जिससे नागरिकों को युद्ध जैसी स्थितियों में प्रतिक्रिया देने की ट्रेनिंग दी जा सके।
Bihar News: आम नागरिकों की भी होगी भागीदारी
उन्होंने कहा, “फिलहाल हमारे पास करीब 2000 सिविल डिफेंस स्वयंसेवक हैं, लेकिन इसे बढ़ाया जाएगा। एनसीसी, एनएसएस, स्काउट-गाइड, ‘आपदा मित्र’ और आम नागरिक भी इसमें स्वेच्छा से जुड़ सकते हैं।”
इसका उद्देश्य है कि यदि देश में किसी प्रकार की युद्ध स्थिति उत्पन्न होती है—जैसे मिसाइल हमले, हवाई हमले या साइबर ब्लैकआउट—तो बिहार के नागरिक मानसिक और भौतिक रूप से तैयार हों।
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मेडिकल तैयारी भी तेज
बैठक में स्वास्थ्य आपात स्थिति को लेकर भी समीक्षा की गई। प्रत्यय अमृत ने बताया कि मेडिकल इमरजेंसी, ऑक्सीजन की उपलब्धता, स्ट्रेचर, मानव संसाधन और रिजर्व बेड जैसी व्यवस्थाओं को दुरुस्त किया जा रहा है। राज्य के सभी सिविल सर्जन, एम्स पटना, आईजीआईएमएस और मेडिकल कॉलेज के प्रतिनिधियों को विशेष तैयारी में लगाया गया है।
Bihar News: 54 साल बाद फिर से बजे 80 सायरन
बिहार में 7 मई की शाम को पटना, पूर्णिया, कटिहार, अररिया, किशनगंज और बेगूसराय जैसे संवेदनशील जिलों में 10 मिनट का ब्लैकआउट और सायरन ड्रिल किया गया था। यह अभ्यास करीब 54 साल बाद हुआ जब पटना में एक साथ 80 सायरन बजे। शहर में अचानक बिजली गुल हुई और सायरन की आवाजें लोगों को खतरे का आभास कराती रहीं। यह युद्ध जैसी परिस्थिति में नागरिक चेतावनी प्रणाली का परीक्षण था।
ग्रामीण क्षेत्र भी होंगे शामिल
भविष्य की ड्रिल में ग्रामीण क्षेत्रों को भी शामिल करने की योजना है। इन इलाकों में लोगों को बंकरों में जाने, सुरक्षित ठिकानों पर पहुँचने और आवश्यक सामग्री की व्यवस्था करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
भारत-पाक तनाव अब सीमाओं तक सीमित नहीं रहा। बिहार जैसे भीतरी राज्य भी अब युद्ध जैसे हालातों के लिए प्रोएक्टिव तैयारी कर रहे हैं। इसमें सबसे अहम पहलू यह है कि अब आम नागरिकों को भी सुरक्षा ढांचे का हिस्सा बनाया जा रहा है, ताकि आपात स्थिति में हर व्यक्ति अपना रोल निभा सके। यह एक नई राष्ट्रीय नागरिक सुरक्षा रणनीति की ओर इशारा करता है, जहां हर नागरिक “सिर्फ दर्शक नहीं, सहभागी” होगा।
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