Sunday, June 1, 2025
spot_img
HomeTV45 NewsBihar: युद्ध जैसे हालात के बीच बिहार में सिविल डिफेंस को मजबूत...

Bihar: युद्ध जैसे हालात के बीच बिहार में सिविल डिफेंस को मजबूत करने की पहल, ब्लैकआउट ड्रिल और आम नागरिकों की भागीदारी पर ज़ोर

पटना — भारत और पाकिस्तान के बीच जारी सैन्य तनाव का असर अब देश के भीतर भी दिखने लगा है। Bihar सरकार ने संभावित आपात स्थितियों से निपटने के लिए सिविल डिफेंस को मज़बूत करने की पहल शुरू कर दी है।

राज्य में व्यापक ब्लैकआउट मॉक ड्रिल कराई जा रही है और आम नागरिकों को भी सिविल डिफेंस का हिस्सा बनने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।

गुरुवार को आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने राजधानी पटना में बैठक कर तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने बताया कि पूरे राज्य में “ब्लैकआउट मॉक ड्रिल” कराई जाएगी, जिससे नागरिकों को युद्ध जैसी स्थितियों में प्रतिक्रिया देने की ट्रेनिंग दी जा सके।

Bihar News: आम नागरिकों की भी होगी भागीदारी

उन्होंने कहा, “फिलहाल हमारे पास करीब 2000 सिविल डिफेंस स्वयंसेवक हैं, लेकिन इसे बढ़ाया जाएगा। एनसीसी, एनएसएस, स्काउट-गाइड, ‘आपदा मित्र’ और आम नागरिक भी इसमें स्वेच्छा से जुड़ सकते हैं।”

इसका उद्देश्य है कि यदि देश में किसी प्रकार की युद्ध स्थिति उत्पन्न होती है—जैसे मिसाइल हमले, हवाई हमले या साइबर ब्लैकआउट—तो बिहार के नागरिक मानसिक और भौतिक रूप से तैयार हों।

यह भी पढ़े: मुख्यमंत्री ग्राम गाड़ी योजना की बस में पात्र यात्रियों से किराया वसूलने का आरोप

मेडिकल तैयारी भी तेज

बैठक में स्वास्थ्य आपात स्थिति को लेकर भी समीक्षा की गई। प्रत्यय अमृत ने बताया कि मेडिकल इमरजेंसी, ऑक्सीजन की उपलब्धता, स्ट्रेचर, मानव संसाधन और रिजर्व बेड जैसी व्यवस्थाओं को दुरुस्त किया जा रहा है। राज्य के सभी सिविल सर्जन, एम्स पटना, आईजीआईएमएस और मेडिकल कॉलेज के प्रतिनिधियों को विशेष तैयारी में लगाया गया है।

Bihar News: 54 साल बाद फिर से बजे 80 सायरन

बिहार में 7 मई की शाम को पटना, पूर्णिया, कटिहार, अररिया, किशनगंज और बेगूसराय जैसे संवेदनशील जिलों में 10 मिनट का ब्लैकआउट और सायरन ड्रिल किया गया था। यह अभ्यास करीब 54 साल बाद हुआ जब पटना में एक साथ 80 सायरन बजे। शहर में अचानक बिजली गुल हुई और सायरन की आवाजें लोगों को खतरे का आभास कराती रहीं। यह युद्ध जैसी परिस्थिति में नागरिक चेतावनी प्रणाली का परीक्षण था।

ग्रामीण क्षेत्र भी होंगे शामिल

भविष्य की ड्रिल में ग्रामीण क्षेत्रों को भी शामिल करने की योजना है। इन इलाकों में लोगों को बंकरों में जाने, सुरक्षित ठिकानों पर पहुँचने और आवश्यक सामग्री की व्यवस्था करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

भारत-पाक तनाव अब सीमाओं तक सीमित नहीं रहा। बिहार जैसे भीतरी राज्य भी अब युद्ध जैसे हालातों के लिए प्रोएक्टिव तैयारी कर रहे हैं। इसमें सबसे अहम पहलू यह है कि अब आम नागरिकों को भी सुरक्षा ढांचे का हिस्सा बनाया जा रहा है, ताकि आपात स्थिति में हर व्यक्ति अपना रोल निभा सके। यह एक नई राष्ट्रीय नागरिक सुरक्षा रणनीति की ओर इशारा करता है, जहां हर नागरिक “सिर्फ दर्शक नहीं, सहभागी” होगा।

 

 

 

 

 

 

यह भी पढ़े: Nalanda News : श्रद्धांजलि कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे नीतीश कुमार

 

 

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Advertisment

- Advertisment -spot_imgspot_imgspot_imgspot_img

Most Popular

Recent Comments