Jharkhand News: झारखंड के स्कूली छात्र अब कक्षा में दिशोम गुरु शिबू सोरेन के जीवन और संघर्षों के बारे में जानेंगे। राज्य सरकार ने 2026 से शिबू सोरेन की जीवनी को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने का निर्णय लिया है।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत कक्षा 2 से 11 तक की सात कक्षाओं की पाठ्यपुस्तकों में गुरुजी की जीवनी पर अध्याय शामिल किए जाएंगे। शिक्षा विभाग द्वारा तैयार किए गए मसौदे को सरकार ने मंजूरी दे दी है और संबंधित शैक्षणिक सामग्री की विषय-वस्तु को भी अंतिम रूप दे दिया गया है।
विभिन्न कक्षाओं की पुस्तकों में कुल 10 अध्याय जोड़े जाएंगे, जिसमें कक्षा 8 की पुस्तक में अधिकतम तीन अध्याय शामिल किए जाएंगे। पाठ्यक्रम को अंतिम रूप देने के लिए सात सदस्यीय विशेषज्ञ समिति गठित की गई।जिसमें शिबू सोरेन के जीवन, आदिवासी आंदोलन में उनके योगदान और झारखंड की पहचान बनाने में उनकी भूमिका को ध्यान में रखते हुए अध्याय तैयार किए गए हैं।
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इसके अलावा, पाठ्य पुस्तकों की छपाई के लिए टेंडर प्रक्रिया अगले महीने शुरू कर दी जाएगी, ताकि विद्यार्थियों को समय पर पुस्तकें उपलब्ध कराई जा सकें। इसके अलावा, पाठ्य पुस्तकों की छपाई के लिए टेंडर प्रक्रिया अगले महीने शुरू कर दी जाएगी, ताकि विद्यार्थियों को समय पर पुस्तकें उपलब्ध कराई जा सकें।
पूरे झारखंड में “दिशोम गुरु” के नाम से विख्यात शिबू सोरेन आदिवासी समुदाय की आवाज़ और झारखंड आंदोलन के एक प्रमुख व्यक्ति रहे हैं। उनका जीवन सामाजिक न्याय, भूमि अधिकार और आदिवासी अस्मिता के संघर्ष का प्रतीक है।





