झारखंड सरकार ने शहरी क्षेत्रों में संपत्ति कर प्रणाली को पारदर्शी और प्रभावी बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। राज्य के तीन प्रमुख शहरों – रांची, धनबाद और गिरिडीह – में अब संपत्तियों का GIS (भौगोलिक सूचना प्रणाली) आधारित सर्वेक्षण किया जाएगा।
इस सर्वे का उद्देश्य शहरी निकाय क्षेत्रों में संपत्तियों की सटीक गणना कर एक मजबूत और विश्वसनीय डेटाबेस तैयार करना है, जिससे होल्डिंग टैक्स वसूली में पारदर्शिता और राजस्व बढ़ोतरी सुनिश्चित की जा सके।
नगर विकास एवं आवास विभाग द्वारा इस परियोजना का प्रस्ताव तैयार किया गया है। परियोजना को धरातल पर उतारने की जिम्मेदारी झारखंड अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कंपनी (JUIDCO) को सौंपी गई है। जुडको ने इस कार्य के लिए एजेंसी चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी है और टेंडर भी जारी कर दिया गया है।
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गौरतलब है कि करीब तीन माह पहले विभागीय मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने राज्य में ड्रोन आधारित प्रॉपर्टी सर्वे के निर्देश दिए थे। GIS तकनीक के माध्यम से न केवल संपत्तियों की भौगोलिक स्थिति का विश्लेषण किया जाएगा, बल्कि स्थानिक संबंधों, पैटर्न और रुझानों की भी बारीकी से जांच की जाएगी।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, बड़ी संख्या में लोग होल्डिंग टैक्स का भुगतान नहीं कर रहे हैं, जिससे सरकार को हर वर्ष करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है। यह सर्वे कर निर्धारण को सटीक और डिजिटल बनाने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।