Ranchi: Jharkhand सरकार बीते कुछ वर्षों में ग्रामीण विकास को प्राथमिक एजेंडा बना चुकी है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में नीतिगत बदलाव किए गए हैं, जिनका उद्देश्य राज्य के दूर-दराज़ के क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाएं पहुँचाना है।
इन प्रयासों का लाभ अब ज़मीनी स्तर पर नज़र आने लगा है।
Jharkhand News: जिला परिषदों को मिला अतिरिक्त बजट
2020-21 में राज्य की जिला परिषदों को 1771 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित की गई थी। परंतु सरकार ने महसूस किया कि इस राशि से व्यापक स्तर पर विकास कार्यों को गति नहीं दी जा सकती। इसी कारण मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर 2023-24 में यह राशि बढ़ाकर 2279 करोड़ रुपये कर दी गई है। यह लगभग 28.6% की बढ़ोतरी दर्शाता है, जो सरकार की ग्रामीण विकास के प्रति प्रतिबद्धता को स्पष्ट करता है।
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Jharkhand News: शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे में सुधार
इस बढ़ी हुई राशि का उपयोग मुख्यतः ग्रामीण इलाकों में शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को सशक्त बनाने और सड़क, पानी, बिजली जैसी मूलभूत सुविधाओं को बेहतर करने में किया जा रहा है। इसके अलावा जल प्रबंधन, ग्रामीण आवास और कृषि से जुड़ी परियोजनाओं पर भी ध्यान केंद्रित किया गया है।
शहरी निकायों में चुनाव की अनिश्चितता बनी बाधा
जहां एक ओर ग्रामीण क्षेत्रों में तेजी से कार्य हो रहे हैं, वहीं शहरी इलाकों में विकास की गति थोड़ी धीमी हो गई है। इसका प्रमुख कारण शहरी निकायों के चुनाव का अब तक न होना है। कई नगर निगम और नगर परिषदों में प्रतिनिधि नहीं होने के कारण योजनाओं के क्रियान्वयन में अड़चनें आ रही हैं। इससे शहरी विकास प्रभावित हो रहा है, जिसे सरकार जल्द सुलझाने की कोशिश कर रही है.
सरकार की योजनाओं की सफलता तभी संभव है जब उसमें जनता की भागीदारी हो। मुख्यमंत्री लगातार ग्रामीणों से संवाद स्थापित कर रहे हैं और पंचायत प्रतिनिधियों को ज़मीनी स्तर पर निर्णायक भूमिका दे रहे हैं। इससे न केवल पारदर्शिता बनी रहती है, बल्कि योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन भी संभव होता है।
झारखंड सरकार की नीतियां अब स्पष्ट रूप से ग्रामीण विकास की ओर केंद्रित हैं। बढ़ा हुआ बजट, सक्रिय पंचायत प्रतिनिधि और मुख्यमंत्री की निगरानी ने विकास की रफ्तार को बढ़ाया है। हालांकि शहरी क्षेत्रों की अनदेखी एक चिंता का विषय है, लेकिन राज्य सरकार के प्रयासों से उम्मीद की जा सकती है कि आने वाले वर्षों में झारखंड समग्र विकास की ओर अग्रसर होगा.