Bihar में लगातार सामने आ रहे आपराधिक मामलों के बीच सरकार ने पुलिस प्रशासन में बड़ा फेरबदल करते हुए 40 उपाधीक्षक स्तर के अधिकारियों का तबादला कर दिया है।
बिहार सरकार
अधिसूचना
दिनांक-18.07.2025
बिहार पुलिस सेवा के निम्नांकित पदाधिकारियों को स्थानांतरित करते हुए उनके नाम के सामने स्तम्भ 4 में अंकित पद एवं स्थान पर अगले आदेश तक पदस्थापित किया जाता है :-#BiharPolice #TransferPosting #PoliceAdministration #गृहविभाग #BiharGovernment pic.twitter.com/ZO1Ry9PQ5T— Home Department, GoB (@BiharHomeDept) July 18, 2025
यह कदम राज्य में कानून-व्यवस्था को मजबूत बनाने और अपराध पर लगाम लगाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में देखा जा रहा है।
Bihar Crime: पटना को मिले सात नए डीएसपी
इस फेरबदल का सबसे अधिक असर राजधानी पटना पर पड़ा है। पटना को कुल 7 नए डीएसपी मिले हैं जिन्हें विभिन्न क्षेत्रों में नियुक्त किया गया है-
नगर पुलिस- 2 डीएसपी
विधि व्यवस्था- 2 डीएसपी
सदर क्षेत्र- 2 डीएसपी
पटना सिटी- 1 डीएसपी
फतुहा क्षेत्र- 2 डीएसपी
इस बदलाव से उम्मीद जताई जा रही है कि पटना जैसे संवेदनशील और महत्वपूर्ण जिले में पुलिस की मौजूदगी और कार्यशैली में सुधार आएगा।
Bihar News: राज्यव्यापी तबादले में किन जिलों पर ध्यान
पटना के अलावा राज्य के अन्य जिलों में भी तबादले किए गए हैं। जिन जिलों में डीएसपी बदले गए हैं, उनमें मुख्यत अपराध प्रभावित और संवेदनशील क्षेत्र शामिल हैं। इससे यह संकेत मिलता है कि सरकार अब अपराधियों पर सख्ती बरतने की दिशा में गंभीर है।
क्यों जरूरी था यह फेरबदल?
हाल के महीनों में बिहार में अपराध की घटनाएं जैसे हत्या, लूट, अपहरण और बलात्कार तेजी से बढ़ी हैं। पुलिस की निष्क्रियता और अपराधियों के हौसले बुलंद होने के आरोपों के बीच सरकार पर चौतरफा दबाव था। इस तबादले को सरकार द्वारा उठाया गया एक सुधारात्मक कदम माना जा रहा है, जिससे पुलिस व्यवस्था को और अधिक उत्तरदायी और प्रभावी बनाया जा सके।
जनता को क्या उम्मीद?
जनता को उम्मीद है कि नए डीएसपी अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से निभाएंगे और अपराध पर अंकुश लगाने में सफल होंगे। खासकर राजधानी पटना में अपराध की घटनाएं पुलिस की छवि पर सवाल खड़े कर रही थीं। ऐसे में अब नई नियुक्तियों से प्रभावी पुलिसिंग और त्वरित कार्रवाई की अपेक्षा की जा रही है।
बिहार सरकार द्वारा उठाया गया यह कदम प्रशासनिक रूप से तो महत्वपूर्ण है ही, साथ ही यह जनता को यह संदेश भी देता है कि सरकार कानून-व्यवस्था के मसले पर अब कोई समझौता नहीं करेगी।