रांची: Adani Power एक बार फिर विवादों में है। कांग्रेस विधायक दल के नेता Pradeep Yadav ने 7 अप्रैल को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात कर भूख हड़ताल पर बैठे किसानों की समस्याओं पर चर्चा की। उन्होंने सीएम से इस मुद्दे पर तुरंत हस्तक्षेप कर उचित कदम उठाने की मांग की।
प्रदीप यादव ने आरोप लगाया कि अडानी पावर प्लांट झारखंड के स्थानीय लोगों के साथ स्पष्ट भेदभाव कर रहा है। उन्होंने बताया कि बिहार, बंगाल और अन्य राज्यों से आए श्रमिकों को लाखों रुपये वेतन मिल रहा है, जबकि झारखंड के लोगों को आउटसोर्सिंग के तहत महज 15 हजार रुपये में काम करवाया जा रहा है।
भेदभाव कतई बर्दाश्त नहीं: Pradeep Yadav
विधायक ने साफ कहा कि स्थानीय लोगों के साथ इस तरह का व्यवहार किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने मुख्यमंत्री से यह मामला गंभीरता से लेने की अपील की। बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए प्रदीप यादव ने कहा कि अडानी पावर ने कई वादे किए थे — जैसे अस्पताल, स्कूल और विस्थापितों को रोजगार — लेकिन एक भी वादा पूरा नहीं किया गया।
14 अप्रैल से आंदोलन की चेतावनी: Pradeep Yadav
उन्होंने चेतावनी दी कि अगर जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो वे 14 अप्रैल से आंदोलन शुरू करेंगे। प्रदीप यादव ने सवाल किया कि एक ही काम के लिए दूसरे राज्यों के लोगों को भारी वेतन क्यों और झारखंड के लोगों को सिर्फ नाममात्र की राशि क्यों? उन्होंने गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे पर भी निशाना साधा, कहते हुए कि वे केवल कंपनी का पक्ष लेते हैं जबकि उन्हें किसानों की समस्याओं को भी समझना चाहिए और समाधान निकालना चाहिए।