पटना: राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (रालोजपा) के अध्यक्ष Pashupati Paras अपने दिवंगत बड़े भाई रामविलास पासवान की 79वीं जयंती पर 5 जुलाई को पटना में बड़ा राजनीतिक आयोजन करने जा रहे हैं।
यह आयोजन सिर्फ श्रद्धांजलि तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसके ज़रिए पारस आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर अपना राजनीतिक रुख भी स्पष्ट कर सकते हैं।
क्या है Pashupati Paras की ‘महाजुटान’ योजना?
- समारोह में महागठबंधन के सभी शीर्ष नेताओं को आमंत्रण भेजा जा चुका है।
- कार्यक्रम के बाद पार्टी की आंतरिक बैठक भी होगी, जिसमें राजनीतिक रणनीति पर चर्चा होगी।
- पूर्व सांसद सूरजभान सिंह, चंदन सिंह, समेत कई वरिष्ठ नेता उपस्थित रहेंगे।
- राजद प्रमुख लालू यादव के साथ हालिया नज़दीकियों ने महागठबंधन में शामिल होने की अटकलों को हवा दी है।
राजनीतिक संकेत क्या कहते हैं?
- NDA से दूरी बना चुके पारस अब महागठबंधन के करीब आते दिख रहे हैं।
- लालू यादव का दही-चूड़ा भोज पर पारस के घर जाना एक मजबूत राजनीतिक इशारा था।
- पारस पहले ही कह चुके हैं कि “कुछ फैसलों को वक्त पर छोड़ देना चाहिए” – यानी संकेत साफ हैं, लेकिन औपचारिक ऐलान संभवतः 5 जुलाई को होगा।
कार्यक्रम की जानकारी:
- स्थान: रालोजपा राज्य कार्यालय, पटना
- तारीख: 5 जुलाई 2025
- समय: सुबह 11 बजे से
- उपस्थित: पशुपति पारस, दलित सेना नेता, पूर्व सांसद, महागठबंधन के नेता
रामविलास पासवान के नाम पर होने वाली इस ‘जयंती राजनीति’ को दलित वोट बैंक को साधने के बड़े प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है। अगर पारस RJD-JDU-कांग्रेस गठबंधन से हाथ मिलाते हैं, तो बिहार चुनावी समीकरणों में बड़ा उलटफेर हो सकता है।
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