Aurangabad जिले को PM Modi ने दी बड़ी सौगात। PM Modi ने बिक्रमगंज के दुर्गाडीह मैदान से 48,000 करोड़ रुपए से ज्यादा की परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। इनमें सबसे महत्वपूर्ण औरंगाबाद के नबीनगर स्थित 2400 मेगावाट का सुपर थर्मल पावर प्लांट है।
PM मोदी ने 29,900 करोड़ की लागत से बनने वाले इस प्लांट की आधारशिला रखी। अपने संबोधन में PM Modi ने कहा कि यह प्रोजेक्ट देश और प्रदेश के विकास में सहायक होगा। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा। कारीगरों की संख्या बढ़ेगी। आसपास के लोगों को भी काम मिलेगा।
एनटीपीसी में आयोजित कार्यक्रम में नबीनगर विधायक विजय कुमार सिंह उर्फ डब्लू सिंह, डीएम श्री कान्त शास्त्री और एनटीपीसी के अधिकारी मौजूद रहे। एनटीपीसी के महाप्रबंधक केडी यादव ने कहा कि यह परियोजना साढ़े चार से पांच साल में पूरी होगी। इसके बाद बिजली उत्पादन शुरू होगा। इससे बिहार की बिजली क्षमता में इजाफा होगा। यह सिर्फ एक परियोजना नहीं, बल्कि देश के तेज विकास की दिशा में बड़ा कदम है। जब परियोजना लगेगी तो कर्मियों की संख्या बढ़ेगी।
किसानों ने काफी सहयोग किया है
स्थानीय विधायक डब्लू सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने नबीनगर को बड़ी सौगात दी है। यहां के किसानों ने अपनी जमीन देकर इस परियोजना को संभव बनाया है। कुछ किसान घायल भी हुए, फिर भी उन्होंने विकास के लिए जमीन दी। यह त्याग सराहनीय है। किसानों ने जीविका का साधन खोकर देश के विकास में योगदान दिया है। यह परियोजना किसानों के बलिदान और प्रधानमंत्री की दूरदर्शिता का परिणाम है।
स्टेज-2 के तहत 800 मेगावाट की तीन नई इकाइयां स्थापित किए जाएंगे। इससे प्लांट की कुल क्षमता बढ़कर 4380 मेगावाट हो जाएगी। इसके बाद नबीनगर सुपर थर्मल पावर प्लांट देश का दूसरा सबसे बड़ा पावर प्लांट के रूप में कृतिमान गढ़ेगा। शिलान्यास के बाद स्टेज 2 का निर्माण जल्द ही शुरू होगा। इससे जुड़ी सारी तैयारियां पूरी कर ली गई है। इसका उद्देश्य बिहार और पूर्वी भारत में बिजली आपूर्ति को मजबूत करना है।
प्रथम यूनिट से 800 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। इसके 6-6 महीने के अंतराल पर स्टेज 2 की दूसरी और तीसरी यूनिट से भी बिजली उत्पादन शुरू हो जाएगा। स्टेज 2 की तीनों ही यूनिट में कोयले के साथ थी बायो पैलेट्स का उपयोग होगा। स्टेज 2 के प्रथम यूनिट से अगस्त 2029 तक विद्युत उत्पादन शुरू हो जाएगा।
इस परियोजना से बिहार के साथ राजस्थान, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और पंजाब को भी सस्ती और भरोसेमंद बिजली मिलेगी। इससे स्थानीय समुदायों, उद्योगों और व्यवसायों की ऊर्जा जरूरतें पूरी होंगी। क्षेत्र में आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा। नबीनगर पावर स्टेशन के स्टेज वन की 660-660 मेगावाट की तीन चालू इकाइयों से 1980 मेगावाट बिजली प्रोडक्शन हो रहा है। इसमें बिहार
इस परियोजना से बिहार के साथ राजस्थान, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और पंजाब को भी सस्ती और भरोसेमंद बिजली मिलेगी। इससे स्थानीय समुदायों, उद्योगों और व्यवसायों की ऊर्जा जरूरतें पूरी होंगी। क्षेत्र में आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा। नबीनगर पावर स्टेशन के स्टेज वन की 660-660 मेगावाट की तीन चालू इकाइयों से 1980 मेगावाट बिजली प्रोडक्शन हो रहा है। इसमें बिहार की हिस्सेदारी 82.5 फीसदी यानि 1634 मेगावाट की है।
यह संयंत्र अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल टेक्नोलॉजी पर आधारित होगा। इससे बिजली उत्पादन में ज्यादा एफिशिएंसी मिलेगी। संयंत्र में ड्राई बॉटम ऐश हैंडलिंग सिस्टम और एयर कूल्ड कंडेनसर लगाए जाएंगे। इससे शुद्ध जल की खपत कम होगी। इस तकनीक में उच्च तापमान और दबाव से बिजली बनाई जाएगी। इससे थर्मल एफिशिएंसी बढ़ेगी।
स्टेज 2 के पूरा होने के बाद बिहार बिजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो जाएगा। कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि एनटीपीसी लिमिटेड देश की सबसे बड़ी एकीकृत विद्युत उत्पादन कंपनी है। यह देश की कुल बिजली जरूरत का एक-चौथाई हिस्सा पूरा करती है। कंपनी की मौजूदा स्थापित क्षमता 80 गीगावाट से ज्यादा है। 32 गीगावॉट की अतिरिक्त क्षमता निर्माणाधीन है। इसमें 13 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा शामिल है।
अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल (यूएससी) तकनीक से कोयले की क्षमता बढ़ती है। सुपर क्रिटिकल तकनीक पर आधारित यूनिट से बनने वाली बिजली में जितनी कोयले की खपत होती है, उतने कोयले से अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल तकनीक आधारित यूनिट से करीब 12% बिजली का उत्पादन बढ़ जाता है।
एनटीपीसी 2032 तक 60 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध है। कंपनी थर्मल, हाइड्रो, सौर और पवन ऊर्जा संयंत्रों के जरिए देश को सस्ती, भरोसेमंद और सतत बिजली देने के लिए काम कर रही है। स्वच्छ ऊर्जा तकनीकों को अपनाने और हरित भविष्य के लिए नवाचार पर भी जोर दे रही है।
वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक प्लांट ने 13792 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन किया है। प्लांट का लोड फैक्टर 81.07 प्रतिशत रहा है। एनटीपीसी में बिहार सरकार के साथ 1500 मेगावाट का करार किया है। यहां उत्पादित 80% बिजली बिहार में ही खपत होती है। केवल 20% बिजली गुजरात और अन्य राज्यों में बेची जाती है।
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