पटना: Prashant Kishor: बिहार पुलिस के एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) कुंदन कृष्णन द्वारा किसानों को अप्रत्यक्ष रूप से हत्याओं के लिए ज़िम्मेदार ठहराए जाने पर सियासी घमासान छिड़ गया है।
जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने एडीजी के बयान को अमानवीय और प्रशासनिक संवेदनहीनता का प्रतीक बताते हुए उन्हें आंखों की जांच कराने की सलाह दी है।
“सरकार की मानसिकता उजागर हुई है” – Prashant Kishor
बांका जिले के अमरपुर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा, “हत्या की जिम्मेदारी लेने के बजाय, अधिकारी किसानों पर दोष मढ़ने में लगे हैं। यह बयान स्पष्ट रूप से सरकार और अधिकारियों की आम जनता के प्रति सोच को दर्शाता है।”
उन्होंने कहा कि जो अधिकारी हत्यारों को किसान समझते हैं, उन्हें न सिर्फ अपनी दृष्टि की बल्कि मानसिक स्थिति की भी जांच करानी चाहिए।
Prashant Kishor News: पटना शूटआउट को लेकर भी उठाए सवाल
प्रशांत किशोर ने पटना के पारस अस्पताल में हुई गोलीबारी की घटना पर भी सरकार को कटघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा, “वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि पैंट-शर्ट पहने अपराधी खुलेआम मर्डर कर रहे हैं। अगर एडीजी को ये किसान नजर आते हैं तो उन्हें फौरन अपनी आंखों की जांच करानी चाहिए।”
ज्ञात हो कि गुरुवार को पारस अस्पताल में इलाज के लिए पैरोल पर लाए गए गैंगस्टर चंदन मिश्रा की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस मामले में एडीजी कुंदन कृष्णन ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि अप्रैल से जून के बीच किसान खाली रहते हैं, इसलिए उन महीनों में मर्डर की घटनाएं अधिक होती हैं।
प्रशासन शराब और बालू माफिया के साथ गठजोड़ में: Prashant Kishor
पीके ने कहा कि बिहार में कानून व्यवस्था लगातार बिगड़ती जा रही है। उनका आरोप है कि पूरी प्रशासनिक व्यवस्था शराब और बालू से कमाई करने में व्यस्त है, जबकि मंत्रियों का ध्यान ट्रांसफर-पोस्टिंग से उगाही में लगा है।
उन्होंने तीखे शब्दों में कहा, “जब राज्य का मुखिया ही अचेतन अवस्था में हो, तो हालात कैसे सुधरेंगे?”
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