Jamtara News: कुड़मी समाज ने अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा और कुड़माली भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर शनिवार को जामताड़ा जिले में बड़ा आंदोलन किया। “रेल टेका, डहर छेका” नामक इस आंदोलन के तहत प्रदर्शनकारी बेवा रेलवे फाटक पर रेलवे ट्रैक पर बैठ गए और जोरदार नारेबाजी की। आंदोलन का नेतृत्व कुड़मी समाज और टोतेमिक कुड़मी एकता मंच ने किया।
जिला प्रशासन, पुलिस, जीआरपी और आरपीएफ की भारी तैनाती के बावजूद, प्रदर्शनकारी पटरियों पर डटे रहे। अधिकारियों ने लगभग 20 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया और पटरियों को खाली कराया, लेकिन प्रदर्शनकारी रेलवे क्रॉसिंग के पास जमा रहे और अपना प्रदर्शन जारी रखा। प्रदर्शन काफी हद तक शांतिपूर्ण रहा, हालाँकि इसका असर रेल और सड़क यातायात पर व्यापक रूप से महसूस किया गया।
नई दिल्ली रेलखंड पर कई ट्रेनों का परिचालन प्रभावित हुआ। देहरादून-पटना इंटरसिटी एक्सप्रेस रद्द कर दी गई, जबकि हैदराबाद-रक्सौल ट्रेन चंद्रपुरा स्टेशन पर और ग्वालियर-रांची इंटरसिटी एक्सप्रेस बराकर स्टेशन पर रोक दी गई। रेलवे ने बेवा पर रेलवे स्टेशनों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया, जिससे रेल संपर्क बाधित हो गया और पर्यटकों और नामांकित छात्रों के लिए सड़क यात्रा सात घंटे से अधिक विलंबित हो गई। इससे यात्रियों और छात्रों को भारी असुविधा हुई।
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प्रशासनिक सतर्कता के बावजूद आंदोलनकारियों का जोश कम नहीं हुआ। कुड़मी समाज के नेता मंतोष महतो ने इस आंदोलन को पूरी तरह सफल बताते हुए कहा कि जब तक उनकी मांगों को स्वीकार नहीं किया जाता, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा।