Kaimur News: धर्म, संस्कृति और आस्था की अद्भुत मिसाल पेश करते हुए बागपत (मेरठ) के सिंधावली निवासी शंकर नामक एक शिवभक्त 12 ज्योतिर्लिंगों की पदयात्रा पर निकले हैं। शुक्रवार को वे दुर्गावती थाना क्षेत्र से गुजरते हुए एनएच-19 के किनारे कर्मनाशा नदी के निकट पहुंचे, जहाँ उन्होंने स्थानीय लोगों से बातचीत में अपनी यात्रा की प्रेरणा साझा की।
शंकर ने बताया कि उनकी यह यात्रा किसी व्यक्तिगत उद्देश्य से नहीं है, बल्कि यह देश, समाज और संस्कृति के कल्याण के लिए की जा रही है। अब तक वह लगभग 1,400 किलोमीटर की यात्रा कर चुके हैं, जिसमें केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री, इलाहाबाद और वाराणसी जैसे पवित्र तीर्थ स्थल शामिल हैं।
उनका अगला पड़ाव है झारखंड के देवघर में स्थित बाबा बैद्यनाथ धाम, जहाँ वे जलाभिषेक कर पूजा-अर्चना करेंगे। पूरी यात्रा लगभग 12,000 किलोमीटर की है, जिसे वह पैदल ही पूरा करने का संकल्प लिए हैं।
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शंकर का कहना है, “मेरा उद्देश्य सिर्फ शिवजी के पवित्र ज्योतिर्लिंगों के दर्शन कर जीवन को धन्य बनाना है। धर्म और संस्कृति के माध्यम से ही समाज में शांति और सद्भाव स्थापित हो सकता है।”
ज्योतिर्लिंग: शिवभक्ति का परम स्वरूप
हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार, भारतवर्ष में 12 ऐसे पवित्र स्थान हैं जहाँ भगवान शिव स्वयं प्रकट हुए, जिन्हें ज्योतिर्लिंग कहा जाता है। इन स्थानों में शामिल हैं:
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श्री विश्वनाथ (काशी, वाराणसी)
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बाबा बैद्यनाथ (देवघर, झारखंड)
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श्री सोमनाथ (सौराष्ट्र, गुजरात)
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श्री मल्लिकार्जुन (श्रीशैल, आंध्र प्रदेश)
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श्री महाकाल (उज्जैन, मध्य प्रदेश)
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श्री ओंकारेश्वर (मालवा, मध्य प्रदेश)
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श्री नागेश्वर (द्वारका, गुजरात)
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श्री त्र्यंबकेश्वर (नासिक, महाराष्ट्र)
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श्री केदारनाथ (उत्तराखंड)
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श्री भीमाशंकर (महाराष्ट्र)
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श्री रामेश्वरम (तमिलनाडु)
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श्री घृष्णेश्वर (महाराष्ट्र)
शास्त्रों में मान्यता है कि जो व्यक्ति इन ज्योतिर्लिंगों का दर्शन करता है या नित्य इनका नामस्मरण करता है, उसे समस्त पापों से मुक्ति और सिद्धियों की प्राप्ति होती है।