पटना। बिहार की राजनीति में बयानबाज़ी का दौर जारी है। विपक्ष के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री Tejashwi Yadav ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एलजेपी (रामविलास) प्रमुख एवं केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान पर टिप्पणी करते हुए कहा कि उन्हें अब शादी कर लेनी चाहिए।
लोकतंत्र में इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या होगा कि वोटर को अपना वोट बचाने की लड़ाई लड़नी पड़ रही है?
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— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) August 23, 2025
तेजस्वी यादव का यह बयान जहां हल्के-फुल्के अंदाज़ में आया, वहीं इसने राजनीतिक हलकों में चर्चा भी तेज़ कर दी है।
चिराग किसी के हनुमान हैं, लेकिन हम जनता के हनुमान हैं: Tejashwi Yadav
पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में तेजस्वी यादव ने चिराग पासवान की तुलना करते हुए कहा कि चिराग किसी व्यक्ति विशेष के हनुमान हैं, लेकिन वे खुद को जनता का हनुमान मानते हैं। तेजस्वी ने कहा “राजनीति में जनता की सेवा सबसे बड़ी प्राथमिकता है। हम जनता के बीच से आते हैं और जनता के लिए काम करते हैं। हमारी निष्ठा किसी व्यक्ति विशेष के प्रति नहीं, बल्कि बिहार की जनता के प्रति है।”
निजी जीवन और राजनीति के संतुलन पर Tejashwi Yadav की टिप्पणी
तेजस्वी यादव ने चिराग पासवान के विवाह पर टिप्पणी करते हुए कहा “मैं उन्हें व्यक्तिगत तौर पर सलाह देता हूं कि अब उन्हें शादी कर लेनी चाहिए। परिवार और निजी जीवन के संतुलन से व्यक्ति और भी बेहतर तरीके से जनता की सेवा कर सकता है।” तेजस्वी का यह बयान सुनकर प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद लोग मुस्कुरा उठे, लेकिन इसके साथ ही यह बात भी साफ हो गई कि वे चिराग की राजनीति को लेकर तंज कसने से पीछे नहीं हटते।
“हनुमान” शब्द का इस्तेमाल और उसके पीछे छिपे राजनीतिक संकेत
बिहार की राजनीति में अक्सर नेता एक-दूसरे पर तीखे शब्दों का प्रयोग करते हैं। लेकिन हनुमान शब्द का प्रयोग कर तेजस्वी यादव ने स्पष्ट संकेत दिया है कि चिराग पासवान अपनी राजनीति को किसी खास व्यक्ति के इर्द-गिर्द केंद्रित रखते हैं। वहीं, खुद को “जनता का हनुमान” कहकर तेजस्वी ने अपनी राजनीति को जनता से जोड़ने की कोशिश की है।
Tejashwi Yadav के बयान पर चिराग पासवान की चुप्पी
तेजस्वी यादव के इस बयान के बाद अब सबकी नज़रें चिराग पासवान की प्रतिक्रिया पर टिकी हुई हैं। हालांकि, चिराग पासवान अक्सर ऐसे राजनीतिक बयानों पर संयमित रहते हैं और अपने कामकाज पर ध्यान देने की बात करते हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस बार वे तेजस्वी की इस सलाह को किस तरह लेते है मजाक में, चुनौती में या गंभीर प्रतिक्रिया के रूप में।
चुनाव नज़दीक आते ही नेताओं के बीच बढ़ रही बयानबाज़ी और तीखे राजनीतिक वार
बिहार में विधानसभा चुनाव नज़दीक आते ही नेताओं के बीच बयानबाज़ी और तीखी होती जा रही है। तेजस्वी यादव का यह बयान न केवल सुर्खियों में रहा बल्कि इसने यह भी साबित किया कि बिहार की राजनीति में निजी जीवन तक के मुद्दे भी राजनीतिक चर्चा का हिस्सा बन जाते हैं। तेजस्वी यादव का यह बयान भले ही चुटीला हो, लेकिन इसके राजनीतिक मायने गहरे हैं।
एक तरफ उन्होंने चिराग पासवान की राजनीति पर तंज कसा, वहीं दूसरी ओर खुद को जनता से जुड़ा नेता बताने का प्रयास किया। अब देखने वाली बात यह होगी कि चिराग पासवान इस “शादी वाली नसीहत” और “हनुमान” वाली टिप्पणी पर क्या रुख अपनाते हैं।