बिहार में जारी मतदाता सूची पुनरीक्षण के विरोध में अब राजनीतिक गर्मी तेज हो गई है। नेता प्रतिपक्ष Tejashwi Yadav ने इसे लोकतंत्र के खिलाफ साजिश करार देते हुए देश के 35 प्रमुख विपक्षी नेताओं को एक साथ आने की अपील की है।
बीजेपी सरकार के इशारे पर चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची पुनरीक्षण की आड़ में मतदान के अधिकार एवं लोकतंत्र पर किए जा रहे हमले के विरुद्ध देश की विभिन्न पार्टियों के 35 बड़े नेताओं को पत्र लिखा।
हम सब मिलकर इस प्रक्रिया का तब तक विरोध करेंगे जब तक यह पारदर्शी एवं समावेशी ना हो।… pic.twitter.com/DzxUV1Bb5v
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) July 19, 2025
तेजस्वी का आरोप है कि SIR के ज़रिए वोटर लिस्ट में गड़बड़ी करवाई जा रही है और यह संविधान के मूल स्वरूप के खिलाफ है।
Tejashwi Yadav ने देशभर के बड़े नेताओं को लिखा पत्र
तेजस्वी यादव ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, ममता बनर्जी, अखिलेश यादव, शरद पवार, सीताराम येचुरी, डीएमके प्रमुख स्टालिन, और केजरीवाल समेत देश के लगभग 35 नेताओं को पत्र भेजा है। इस पत्र में उन्होंने लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए एकजुटता दिखाने की अपील की है।
Tejashwi Yadav ने चिट्ठी में जताई गंभीर चिंता
अपने पत्र में तेजस्वी ने लिखा है कि SIR के तहत बिहार में मतदाताओं की सूची से नाम काटे जा रहे हैं खासकर अल्पसंख्यक और वंचित तबकों के। उन्होंने इसे प्रशासनिक हस्तक्षेप और सत्ता पक्ष के इशारे पर हो रही कार्रवाई बताया है। तेजस्वी ने इसे “संवैधानिक अधिकारों का हनन” बताते हुए कहा कि यदि यह प्रक्रिया ऐसे ही चलती रही तो देश के लोकतंत्र को भारी नुकसान होगा।
विपक्षी एकता की ज़मीन तैयार
तेजस्वी यादव का यह कदम विपक्षी एकता की दिशा में एक बड़ा प्रयास माना जा रहा है। चूंकि आने वाले समय में लोकसभा चुनाव 2026 की तैयारी भी जोरों पर है, ऐसे में विपक्षी दलों को एकजुट करना अब समय की माँग बन चुका है। उन्होंने पत्र में साफ लिखा है, “अब खामोश रहना लोकतंत्र से गद्दारी होगी।”
BJP पर लगाया मनमानी का आरोप
तेजस्वी ने केंद्र सरकार और BJP शासित राज्य प्रशासन पर निशाना साधते हुए कहा कि यह सब सत्तारूढ़ दल की मिलीभगत से हो रहा है। उनके अनुसार, सरकारी मशीनरी का उपयोग कर राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश हो रही है। उन्होंने इसे “चुनावी धोखाधड़ी की साजिश” बताया।
विपक्षी दलों की प्रतिक्रिया का इंतजार
अब देखना यह होगा कि तेजस्वी यादव की इस चिट्ठी पर विपक्षी दल किस तरह प्रतिक्रिया देते हैं। क्या यह पहल एक नए विपक्षी गठबंधन की भूमिका बनेगी या फिर महज एक प्रतीकात्मक विरोध बनकर रह जाएगी- यह आने वाले दिनों में साफ हो जाएगा। तेजस्वी यादव ने एक बार फिर अपनी सक्रिय और आक्रामक राजनीति का परिचय देते हुए मतदाता सूची पुनरीक्षण जैसे संवेदनशील मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर उठाया है।
यह देखा जाना दिलचस्प होगा कि क्या यह पहल BJP के खिलाफ एक व्यापक विपक्षी मोर्चे की नींव रख पाएंगी.