रांची। Jharkhand BJP में प्रदेश अध्यक्ष के चयन को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। जहां देश के कई राज्यों में पार्टी संगठनात्मक चुनावों की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, वहीं झारखंड में यह प्रक्रिया अभी तक मंडल स्तर तक भी नहीं पहुंच पाई है। फरवरी 2025 तक चुनाव की योजना थी, लेकिन अब तक सिर्फ बूथ स्तर पर ही चुनाव संपन्न हो पाए हैं।
भाजपा संविधान के अनुसार, प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव तब होता है जब आधे मंडलों और जिलों में चुनाव पूरे हो जाते हैं। झारखंड के 515 मंडलों में अभी तक आधे मंडलों में भी चुनाव नहीं हुए हैं, जिससे 26 सांगठनिक जिलों के चुनाव भी लटके हुए हैं। इसके परिणामस्वरूप, प्रदेश अध्यक्ष का चयन संभव नहीं हो सका है।
Jharkhand BJP: मंडल स्तर पर विवाद ने धीमी की प्रक्रिया
पार्टी सूत्रों की मानें तो कई मंडलों में आंतरिक विवादों और समन्वय की कमी के चलते चुनाव प्रक्रिया बाधित हो गई है। यही वजह रही कि प्रदेश अध्यक्ष चुनाव की समय-सीमा फरवरी तक निर्धारित होने के बावजूद अब तक आगे नहीं बढ़ सकी।
Jharkhand BJP: अन्य राज्यों में प्रक्रिया पूरी
महाराष्ट्र जैसे राज्यों में, जहां झारखंड के साथ ही विधानसभा चुनाव हुए थे, वहां 1 जुलाई को रविंद्र चव्हाण को नया प्रदेश अध्यक्ष घोषित कर दिया गया। वहीं गुजरात, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक जैसे राज्यों में भी संगठनात्मक चुनाव पूरे हो चुके हैं।
Jharkhand BJP: राष्ट्रीय अध्यक्ष के बाद ही मिलेगा झारखंड को नेतृत्व
जानकारों का कहना है कि अब जबकि भाजपा के 19 से अधिक सांगठनिक राज्यों में प्रदेश अध्यक्ष चुने जा चुके हैं, जल्द ही राष्ट्रीय अध्यक्ष की घोषणा की जा सकती है। ऐसे में झारखंड को नया प्रदेश अध्यक्ष तभी मिलेगा, जब नव नियुक्त राष्ट्रीय अध्यक्ष किसी नेता को नामित करेंगे।
राजनीतिक विश्लेषण
राज्य में संगठनात्मक चुनावों में पिछड़ना न केवल स्थानीय स्तर पर नेतृत्व संकट को जन्म देता है, बल्कि राष्ट्रीय चुनावों में झारखंड की भागीदारी को भी सीमित कर सकता है।