रांची: झारखंड शराब घोटाले के एक मामले में आरोपी निलंबित आईएएस अधिकारी Vinay Kumar Chaubey को मंगलवार को रांची की एक अदालत ने जमानत दे दी है।
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चौबे को यह जमानत भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की एक बड़ी चूक के कारण मिली, जो तय समय सीमा के भीतर उनके खिलाफ आरोप पत्र दायर करने में विफल रहा।
Vinay Kumar Chaubey Bail: कानूनी आधार और सुप्रीम कोर्ट के निर्देश
चौबे के वकील देवेश अजमानी ने बताया कि गिरफ्तारी के 92 दिन बीत जाने के बाद भी एसीबी ने आरोप पत्र दायर नहीं किया था। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुसार, यदि तय समय सीमा में आरोप पत्र दायर नहीं किया जाता है, तो आरोपी डिफ़ॉल्ट जमानत का हकदार हो जाता है। इसी आधार पर, एसीबी अदालत ने उन्हें बीएनएनएस की धारा 187(2) के तहत डिफ़ॉल्ट जमानत दी।
Vinay Kumar Chaubey Bail: जमानत की शर्तें और चौबे पर लगे आरोप
हालांकि, चौबे को तत्काल जेल से रिहा नहीं किया जाएगा। वह हजारीबाग में जमीन से जुड़े एक अन्य मामले में भी आरोपी हैं, जिसके कारण उन्हें हिरासत में ही रहना होगा। चौबे फिलहाल रांची के RIMS में इलाज करा रहे हैं।
अदालत ने चौबे की जमानत के लिए कुछ शर्तें भी रखी हैं। उन्हें 25,000 रुपये के दो निजी मुचलके जमा करने, अदालत की अनुमति के बिना राज्य न छोड़ने और अपना मोबाइल नंबर न बदलने का निर्देश दिया गया है।
चौबे को एसीबी ने 20 मई को गिरफ्तार किया था। उन पर ₹38 करोड़ के शराब बिक्री घोटाले में शामिल होने का आरोप है, जिसके बाद राज्य सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया था। चौबे ने अपनी याचिका में एसीबी द्वारा अपनी गिरफ्तारी को गलत बताते हुए एफआईआर को खारिज करने की मांग की थी।