Hazaribagh: शहर में इन दिनों नशे का कारोबार अपने चरम पर है। हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि युवाओं की एक बड़ी संख्या नशे की गिरफ्त में आ चुकी है। नशे के कारण युवा न केवल चोरी-छिनतई जैसी आपराधिक घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं, बल्कि कई मामलों में तो नशे के लिए पैसे नहीं मिलने पर आत्महत्या जैसे गंभीर कदम उठाने से भी नहीं हिचक रहे हैं।
स्थानीय प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि हजारीबाग अब ‘उड़ता पंजाब’ की राह पर चल पड़ा है। शहर के लगभग हर गली और मोहल्ले में दिनदहाड़े नशे का कारोबार खुलेआम हो रहा है। नशा बेचने वालों को न तो कानून का डर है और न ही समाज की परवाह। जब पुलिस को सूचना दी जाती है, तब तक आरोपी मौके से फरार हो जाते हैं, जिससे पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
नशे में लिप्त युवक जब अपने परिवार से पैसे नहीं प्राप्त कर पाते, तो घर के सामान तक बेचने लगते हैं। इससे घरों में कलह और सामाजिक ताना-बाना भी प्रभावित हो रहा है। कई युवाओं ने तो पैसे की तंगी के चलते आत्महत्या जैसा घातक कदम भी उठाया है, जिससे पूरा शहर दहशत में है।
शहरवासियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने जिला प्रशासन से इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि यदि प्रशासन ठान ले, तो नशे के इस अवैध कारोबार पर जल्द ही रोक लगाई जा सकती है। जानकारी के अनुसार, जिले में लगभग 60 से 65 पुलिस मुखबिर (स्पाई) तैनात हैं, इसके बावजूद नशे का धंधा फल-फूल रहा है।
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अब ज़रूरत इस बात की है कि प्रशासन और पुलिस मिलकर ठोस कदम उठाएं, साथ ही सामाजिक संगठनों की भी भागीदारी सुनिश्चित की जाए, ताकि हजारीबाग को इस अंधकार से बाहर निकाला जा सके।