भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा 6 मई की रात को किए गए Operation Sindoor की अब तक की सबसे ठोस पुष्टि खुद पाकिस्तान से सामने आई है।
पाकिस्तान के नागरिकों द्वारा सोशल मीडिया पर साझा किए गए कई वीडियो क्लिप इस बात की तस्दीक कर रहे हैं कि भारत ने पाकिस्तान और पीओके के भीतर कम से कम 9 आतंकी ठिकानों पर मिसाइल अटैक किए हैं।
इन वीडियो में धमाकों की आवाजें, भागते हुए लोग, और मदरसों व शिविरों की तबाही साफ दिखाई-सुनाई दे रही है। भारत की ओर से दावा किया गया है कि इन हमलों में लश्कर और जैश-ए-मोहम्मद के कुल 9 अड्डे, जिनमें बहावलपुर स्थित मौलाना मसूद अजहर का मदरसा भी शामिल है, पूरी तरह तबाह कर दिए गए हैं।
Operation Sindoor: सटीक हमले, हाई-टेक मिसाइलें और भारतीय वायुसीमा के भीतर से कार्रवाई
सूत्रों के मुताबिक, यह ऑपरेशन पूरी तरह संयुक्त सैन्य प्रयास था, जिसमें राफेल लड़ाकू विमानों से SCALP क्रूज मिसाइलों और हैमर प्रिसिजन बम का इस्तेमाल किया गया। खास बात यह रही कि सभी हमले भारतीय वायु क्षेत्र के भीतर से किए गए ताकि किसी अंतरराष्ट्रीय संप्रभुता का उल्लंघन न हो।
रक्षा सूत्रों का कहना है कि कोई भी भारतीय विमान पाकिस्तानी सीमा में प्रवेश नहीं किया, और इन हमलों में केवल आतंकी ठिकानों को ही निशाना बनाया गया। सेना ने साफ किया कि किसी पाकिस्तानी सैन्य अड्डे या नागरिक प्रतिष्ठान को टारगेट नहीं किया गया है।
सेना की पोस्ट: ‘न्याय हुआ, जय हिंद’
ऑपरेशन पूरा होने के बाद सुबह 1:49 बजे भारतीय सेना ने आधिकारिक बयान जारी कर ऑपरेशन की पुष्टि की। बयान में कहा गया:
“हमने केवल आतंकी शिविरों को टारगेट किया है। ऑपरेशन सिंदूर में किसी नागरिक को नुकसान नहीं पहुंचाया गया।”
इसके साथ ही सेना की ओर से सोशल मीडिया पर एक संदेश दिया गया:
‘न्याय हुआ, जय हिंद।’
विपक्ष का सवाल: क्या आतंकियों को वाकई मारा गया?
हालांकि इस सैन्य कार्रवाई को लेकर सियासी बहस भी तेज हो गई है। कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने कहा,
“क्या चुन-चुनकर आतंकवादी मारे गए हैं? दोबारा तो पहलगाम नहीं होगा? हर कुछ दिन बाद कोई हमला क्यों होता है?”
उन्होंने केंद्र सरकार से सबूत मांगते हुए यह भी कहा कि फौज ने अपना काम किया, लेकिन अब यह सरकार की ज़िम्मेदारी है कि वह जनता को बताए कि क्या वाकई आतंकी खत्म हुए या केवल संदेश दिया गया।
पृष्ठभूमि: पहलगाम हमला और जवाब
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी। इस जघन्य हमले के पीछे पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठनों का हाथ बताया गया था। तभी से संकेत मिल रहे थे कि भारत कोई बड़ा जवाब देगा।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी 24 अप्रैल को कहा था कि आतंकियों को ऐसी सजा मिलेगी जिसकी वे कल्पना नहीं कर सकते।
ऑपरेशन सिंदूर भारत की आतंकवाद के खिलाफ नीति में एक नया मोड़ साबित हो रहा है—जहां जवाब न केवल सैन्य रूप से दिया गया बल्कि वैश्विक मंच पर पाकिस्तान को घेरने की रणनीति भी झलक रही है। हालांकि, राजनीतिक पारदर्शिता की मांग और विपक्ष की जाँच अभी भी जारी है।
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