Rajganj: राजगंज डिग्री कॉलेज में प्रभारी प्राचार्य की नियुक्ति को लेकर उपजा विवाद शनिवार को एक नए मोड़ पर पहुंच गया। कॉलेज के प्राचार्य कक्ष में ताला बंदी के चलते शिक्षकों, कर्मचारियों और जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता धावाचिता पंचायत की मुखिया श्रीमती ललिता देवी ने की।
बैठक पूर्वाह्न 11 बजे कॉलेज परिसर में शुरू हुई, जिसमें क्षेत्र के सभी पंचायत मुखिया, शिक्षकगण, शिक्षकेत्तर कर्मचारी, समाजसेवी तथा अन्य संबंधित पक्षों ने भाग लिया। बैठक का मुख्य उद्देश्य ताले से बंद प्राचार्य कक्ष को खोलने और कॉलेज में उत्पन्न अव्यवस्था को समाप्त करने के लिए सामूहिक निर्णय लेना था।
बैठक के दौरान कई शिक्षकों ने गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि उन्हें पिछले एक वर्ष से वेतन और भविष्य निधि (पीएफ) का भुगतान नहीं हुआ है। कुछ शिक्षकों ने पेंशन भुगतान में अनियमितता की शिकायत भी की। इस पर जनप्रतिनिधियों और समिति सदस्यों ने नाराजगी जताई और तय किया कि इस पूरे मामले को उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों तक पहुँचाया जाएगा। साथ ही प्राचार्य कक्ष का ताला खुलवाने के लिए प्रशासनिक स्तर पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
इसी दौरान कॉलेज पहुंचे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के झारखंड प्रदेश कार्यकारी सदस्य शुभम हजारी ने कॉलेज के बड़ा बाबू को मुख्य गेट पर तालाबंदी को लेकर एक आवेदन देना चाहा। लेकिन जनप्रतिनिधियों, पंचायत प्रतिनिधियों और मौजूद शिक्षकों ने इसका विरोध किया। इस विरोध के चलते मौके पर तीखी बहस हो गई और तनाव का माहौल बन गया।
स्थिति उस समय और अधिक जटिल हो गई जब यह आरोप सामने आया कि तालाबंदी से संबंधित आवेदन को किसी ने फाड़ दिया। अब यह मामला जांच का विषय बन गया है और कॉलेज प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि पूरे घटनाक्रम की सच्चाई जानने के लिए सीसीटीवी फुटेज की जांच की जाएगी।
स्थानीय प्रशासन और शिक्षा विभाग की नजर अब इस विवाद पर टिकी है। कॉलेज के शैक्षणिक वातावरण को सामान्य बनाए रखने के लिए जल्द समाधान की उम्मीद जताई जा रही है।