LJP: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले एनडीए के भीतर ही सियासी घमासान तेज हो गया है। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के बीच सीट बंटवारे और राजनीतिक वर्चस्व को लेकर तल्खी खुलकर सामने आ गई है।
मंगलवार को हम प्रमुख जीतनराम मांझी ने बिना नाम लिए चिराग पासवान पर निशाना साधते हुए कहा था कि “भीड़ दिखाने से ज़मीन पर समर्थन नहीं बनता।” मांझी ने अपनी “ताकत समय आने पर दिखाने” की भी बात कही थी।
इसके जवाब में चिराग पासवान के जीजा और जमुई से सांसद अरुण भारती ने बुधवार को कड़ा पलटवार किया। उन्होंने पूछा:
“क्या गठबंधन के भीतर कोई सहयोगी दूसरे को हराने की तैयारी कर रहा है?
अगर आपकी तैयारी सिर्फ 10, 20 या 30 सीटों तक सीमित है, तो 243 सीटों पर तैयारी करने वालों से क्यों परेशानी?”
अरुण भारती ने कहा कि कुछ नेता आरा में चिराग पासवान की सफल रैली से असहज हैं और यह चिंता केवल उनकी राजनीतिक असुरक्षा को दिखाती है।
उन्होंने आगे कहा:
“हमारा एजेंडा बिहार के विकास और एनडीए के विजन से जुड़ा है। हम गठबंधन धर्म का पालन करते हैं और सहयोगियों से भी यही उम्मीद करते हैं।”
पृष्ठभूमि:
- चिराग पासवान की लोजपा-रामविलास 2020 विधानसभा चुनाव में एनडीए से अलग होकर लड़ी थी और उसने भाजपा को लाभ और जदयू को नुकसान पहुंचाया था।
- इस बार पार्टी एनडीए में वापस है, लेकिन सीट बंटवारे को लेकर असमंजस और खींचतान शुरू हो चुकी है।
- मांझी पहले भी कह चुके हैं कि वे सम्मानजनक सीट नहीं मिली तो अलग विकल्प देख सकते हैं।
एनडीए में फिलहाल चुनाव से पहले असहज शांति का माहौल है। यदि इन विवादों का समाधान नहीं हुआ, तो 2020 की तरह पुनः त्रिकोणीय संघर्ष या गठबंधन में टूट की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।