Jharkhand और ओडिशा की सीमा पर सक्रिय नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षा बलों ने एक और बड़ी सफलता हासिल की है। 27 मई को सारंडा जंगल में हुई विस्फोटक लूटकांड के मुख्य आरोपी नक्सली जॉर्ज मुंडा उर्फ कुलू मुंडा (45) को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। वह ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले के केबलांग के बांको गांव का निवासी है।
#WATCH | Rourkela, Odisha: Brijesh Ray, DIG, (WR) says “A robbery incident took place on 27th May. In this, 200 packets of explosives were looted. It was found that the Maoists who had come from Jharkhand’s Saranda were involved in this. SP Rourkela had set up an SIT to… pic.twitter.com/cenBbFKwTL
— ANI (@ANI) June 15, 2025
Jharkhand News: कैसे हुआ गिरफ्तारी का खुलासा?
पश्चिमांचल के डीआईजी बृजेश कुमार राय और राउरकेला के एसपी नितेश वाधवानी ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस गिरफ्तारी की जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि विशेष जांच टीम (SIT) द्वारा मोबाइल डेटा, फॉरेंसिक साक्ष्य और खुफिया इनपुट के आधार पर जॉर्ज की संलिप्तता उजागर हुई। उसने विस्फोटक लूट की योजना बनाई थी और माइंस की रेकी भी की थी।
Jharkhand Crime: 3.8 टन विस्फोटक बरामद
लूट की इस वारदात के बाद झारखंड और ओडिशा पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में 3811.30 किलो विस्फोटक भी बरामद किया गया। डीआईजी ने बताया कि अभी भी सीमावर्ती क्षेत्रों में सघन छापेमारी चल रही है। लूटे गए विस्फोटक सीडीईटी ब्रांड के 200 पैकेट थे जिन्हें बडगां के इतमा से बांको पत्थर गोदाम ले जाया जा रहा था।
लूटकांड में महिला नक्सलियों की भी भूमिका
घटना में करीब 10-15 नक्सली, जिनमें महिलाएं भी शामिल थीं, ने विस्फोटक से भरे ट्रक को रोका और चालक को धमकाकर विस्फोटक लूट लिया। बाद में चालक और वाहन को छोड़ दिया गया।
Jharkhand Naxal: करोड़ों के इनामी नक्सली अनल दा की तलाश तेज
दूसरी ओर, भाकपा माओवादी संगठन के कुख्यात इनामी नक्सली पतिराम मांझी उर्फ अनल दा की तलाश भी तेज कर दी गई है। रविवार को चाईबासा पुलिस ने गिरिडीह जिले के पीरटांड़ स्थित उसके गांव झरहा में कोर्ट के आदेश पर इश्तेहार चिपकाया।
एक करोड़ का इनाम, कई जिलों में दर्ज हैं केस
अनल दा पर झारखंड सरकार की ओर से 1 करोड़ रुपये का इनाम घोषित है। वह पारसनाथ क्षेत्र का कुख्यात माओवादी है और भाकपा माओवादी की केंद्रीय कमेटी का सदस्य है। उस पर टेबो थाना में यूएपीए एक्ट, सीएलए एक्ट और IPC की विभिन्न धाराओं में केस दर्ज है (कांड संख्या 7/19)।
पुलिस ने उसे आत्मसमर्पण का संदेश भी दिया है और लगातार उस पर निगरानी बनाए हुए है। झारखंड और आसपास के जिलों की पुलिस उसे पकड़ने के लिए सामूहिक प्रयास कर रही है।
निष्कर्ष:
इन कार्रवाइयों से यह स्पष्ट है कि सुरक्षा एजेंसियां नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में संवेदनशील और संगठित ऑपरेशन चला रही हैं। नक्सली नेटवर्क को तोड़ने और विस्फोटक जैसे खतरनाक संसाधनों की बरामदगी इन प्रयासों की गंभीरता को दर्शाती है। वहीं, अनल दा जैसे बड़े इनामी नक्सलियों की गिरफ्तारी या आत्मसमर्पण पुलिस के लिए अगला लक्ष्य है।
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